रानीकीसराय आजमगढ (सृष्टिमीडिया)। कृषि महाविद्यालय कोटवा आजमगढ़ में दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए गये। जिसमें जैविक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी
जैविक खेती पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ चन्द्रभूषण ने बताया कि कैसे जैविक खेती ही मानव जीवन को उत्तम बनाने के लिए एकमात्र सहारा है तथा इस पर गहरा चिंतन होना चाहिए। पौधशाला प्रबंधन पर वंशगोपाल जो कि भूमि से जुड़े एक प्रगतिशील किसान है ने बताया कि ज्यादा सटीक तरीके से अपनी खेती कैसे कर सकते हैं। इसके बाद श्याम सुन्दर चौहान जो कि आजमगढ़ जिले के एक उद्यमी है ने संरक्षित खेती के बारे में अवगत कराया तथा उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने व्यवसायिक जीवन की शुरुआत की और युवाओ को कृषि को अपना व्यवसाय बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने संरक्षित खेती के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का भी प्रायोजन किया गया है। इसके बाद श्रीदुर्गा जी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ नागेंद्र द्विवेदी ने जैविक खाद की मृदा में उपयोगिता के बारे में प्रस्तुति दी। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। ट्रेनिंग की समापन में डॉ संदीप पाण्डेय ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो धीरेन्द्र कुमार सिंह ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी सहायक प्राध्यापकों, प्रतिभागियों एवं अन्य कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। इस कार्यक्रम में डॉ विनय कुमार सिंह, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉ संदीप पांडे, डॉ प्रकाश यादव, डॉ विनोद कुमार, डॉ विमलेश कुमार, डॉ टी पांडियाराज, डॉ रेनू गंगवार, डॉ आकांक्षा तिवारी, डॉ विनीत प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा