अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय विकास खण्ड के प्रतापपुर छतौरा गांव में श्री सीताराम महायज्ञ व सहसंगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम बीते गुरुवार से शुरू होकर 2 जुलाई बुधवार को पूर्णाहुति के साथ विशाल भंडारे आयोजन किया गया।
प्रतिदिन सायं तीन बजे से दस बजे तक कथावाचक भागवत नंद दास जी महाराज द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कितनी भी विपत्तियां पड़ी लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने संघर्ष नहीं छोड़ा। बाल्यकाल से ही उन्हें हमेशा संकट का सामना करना पड़ा। जन्म हुआ तो कारागार में, पालन हुआ यशोदा के घर पूतना जैसी राक्षसी का बाल्यकाल में ही सामना किया, कंस जैसे अतताई का भी अंत उन्होंने ही किया। पैदा होते ही उन्होंने अपने मां-बाप को छोड़ दिया। इन सबसे हमें यह सीखने की जरूरत है कि कितनी भी विषम स्थिति हो लेकिन धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए। यज्ञ के आयोजक महंत सुरेंद्र दास जी महाराज ने सभी श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। भंडारे में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
रिपोर्ट-आशीष निषाद