अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मकर संक्रांति पर्व पर बहन बेटियों के घर खिचड़ी पहुंचाने की परंपरा का निर्वहन आज भी जारी है। शहरी क्षेत्रों में तो लोग आधुनिकता की दौड़ में शामिल होने लगे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी इस परंपरा को निभाने में लोग पीछे नहीं हैं। इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत लोग इस वर्ष भी प्रत्येक वर्ष की भांति 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाने की तैयारी मे लगे हैं। इसे देखते हुए नगर पंचायत में लाई-चूड़ा, गट्टा, तिलकुट तथा अन्य खाद्य सामग्रियों की दुकानें सज गई हैं। परंतु अत्यधिक ठंड होने की वजह से बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
खरमास में पड़ने वाले इस पर्व से पूर्व बहन बेटी और बुआ के घर खिचड़ी पहुंचाने के लिए की जाने वाली तैयारी पूरी करने के लिए लोग अन्य खाद्य सामग्रियों की खरीदारी के लिए ठंड के इस मौसम में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। जहां काफी संख्या में लोग बाजारों में लाई-चूड़ा गट्टा तिलकुट आदि की खरीदारी करते नजर आते थे वहीं बाजार में दुकानों पर भीड़ नहीं दिख रही। खाद्य पदार्थों की दुकानें नगर पंचायत से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूरी तरह सज गई हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि मकर संक्रांति पर्व पर जिले के बाजार खराब मौसम के कारण ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। मकर संक्रांति को देखते हुए पतंग की दुकान भी सज चुकी है। तरह-तरह की रंग बिरंगी पतंग सजाई गई है लेकिन ग्राहकों के ना आने से सभी दुकानदार मायूस नजर आ रहे हैं।
पंडित चन्द्रेश दास जी महाराज ने बताया कि इस बार संक्रांति 14/15 जनवरी की रात्रि 3 बजकर 2 मिनट पर लग रही है। 15 जनवरी को सूर्याेदय के बाद मकर का पूर्णकाल माना जायेगा जो दोपहर 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में संक्रांति पर्व 15 जनवरी को मनाना श्रेयष्कर होगा। संक्रांति का मुहूर्त पूरे दिन मिल रहा है।
रिपोर्ट-आशीष निषाद