प्रभु श्री राम के चरित्र से सीखना चाहिए सेवा धर्म

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। नगर स्थित गुरुघाट पर श्रीराम जानकी मंदिर में चल रही श्रीराम कथा भक्तो की भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है भक्त कथा सुनकर मंत्र मुग्ध हो रहे हैं।
नगर के गुरूघाट स्थित श्री राम जानकी मंदिर में चल रही श्री राम कथा के छठे दिवस कथा का वर्णन करते हुए कथावाचक अंकित चतुर्वेदी महाराज ने कहा कि जिस समय मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जनक पुर में धनुष यज्ञ देखने गए थे, रात्रि के समय गुरु के चरण सेवा करने में अधिक रात्रि होने पर गुरु जी कहे कि पुत्र राम अब सो जाओ, लेकिन राम जी मानते नही, जब बार बार गुरु जी ने राम को सोने के लिए कहा तब राम जी सोये, प्रभु श्रीराम का यह सेवाधर्म सीखने से ही जीवन धन्य होगा। सुबह गुरु की आज्ञा से पुष्प तोड़ने के लिए ज़ब जाते है, प्रभु उस समय भी मानव जीवन के संस्कार को दर्शाते हुए वाटिका के सामने उपस्थित मालियो से पुष्प तोड़ने के लिए अनुमति लेते हैं। यह संस्कार और सेवा धर्म मनुष्य को सफलता की उच्चतम सीढ़ियों पर निश्चित ले जायेगा और प्रभु श्री राम के चरित्र से मानवता का निर्माण होगा ।कथा प्रसंग में आगे श्री सीताराम विवाह का मनोरम और मोहक वर्णन करते हुए उन्होंने श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम अध्यक्ष सुभाष चन्द्र तिवारी कुंदन ने लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि मंगलवार को हवन और भंडारे के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। इस मौके पर समाजसेवी अभिषेक जायसवाल दीनू, महंत संजय कुमार पांडेय, डॉ. मयंक चौबे, रामप्रकाश तिवारी, ढुनमुन सोनकर, नंदू सोनकर, रविशंकर पाण्डेय, राजनीकांत तिवारी,सहयोगी कविकांत उपाध्याय आदि सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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