निजामाबाद आज़मगढ (सृष्टिमीडिया़)। शुक्रवार को तहसील निज़ामाबाद स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय एवं साहित्य से दोस्ती पुस्तक केंद्र पर कैफ़ी आज़मी की 104 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर कैफ़ी आज़मी और उनका गांव मिजवां विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ.नवाज आज़मी और संचालन कॉमरेड अजय तिवारी ने किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुये सीपीआई राज्यपरिषद सदस्य एवं इस्कफ़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र हरि पांडेय एडवोकेट ने कहा कि कैफ़ी आज़मी तरक्कीपसंद शायर, गीतकार के रूप में आजीवन दबे कुचले आम आवाम की आवाज को बुलंद किया। उन्होंने कहा कि कैफ़ी साहब हंसमुख व्यक्तित्व, सादगीपूर्ण जीवन और प्रतिवद्ध कॉमरेड थे। कैफ़ी आज़मी की प्रतिवद्धता के चलते ही उनका पूरा परिवार फ़िल्म, साहित्य, राजनीति और समाज मे जिन ऊंचाइयों पर है ऐसा परिवार शायद ही विश्व मे कोई दूसरा परिवार हो। अब्दुल्लाह एडवोकेट ने कहा कि कैफ़ी साहब ने अपने पैतृक जिले के विकास के लिए आजीवन संघर्ष किया। वर्ष 1981-82 में इनकी पहल पर मेजवां गावं को सड़क से जोड़ा गया। लोगों को पगडंडी से छूटकारा मिला। इसके पूर्व वे गांव में प्राइमरी स्कूल की स्थापना कर चुके थे। कैफी साहब का सपना था कि गांव के लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करें। इसके लिए उन्होंने शिक्षण संस्थानों के साथ ही चिकनकारी, कंप्यूटर शिक्षण संस्थान आदि की स्थापना की। आज वह हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनकी यादें हर दिल में बसी हुई हैं। इस अवसर पर मोहनलाल एडवोकेट, किशोरीलाल गुप्ता, अजय तिवारी, लालमन यादव, शाहआलम फराही, वीरेंद्र मिश्र, अबुजर आज़मी, संतोष कुमार, सादुल्लाह आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-वीरेन्द्रनाथ मिश्र