गंगा विलास लग्जरी क्रूज की चमचमाहट देख घाटवासी बोले- बा का जहाज बनल हौ…

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दुनिया के सबसे लंबे और महंगे नदी जल यात्रा की शुरूआत 13 जनवरी को काशी से हो रही है

वाराणसी। 18 दिन पहले कोलकाता से निकला गंगा विलास लग्जरी क्रूज आज वाराणसी पहुंच गया है। देर शाम गंगा पर क्रूज पर लगे लाइटों की चमचमाहट देख स्थानीय लोगों की आँखें फैल गर्इं। लोग अद्भुत और वाह-वाह करने लगे। कुछ घाटवासी बनारसी अंदाज में बोल उठे- बा का जहाज बनल हौ… मौसम खराब होने की वजह से यह 3 दिन देरी से काशी पहुंचा। क्रूज में फ्यूल भरने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद क्रूज रामनगर बंदरगाह से संत रविदास घाट पर पहुंचेगा। यहां पर उसके भव्य स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। इस दौरान वह 3,200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा का लंबा सफर तय करेगा। यह क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदियों के रास्ते अपनी मंजिल पर पहुंचेगा। इस लंबे सफर में एमवी गंगा विलास क्रूज पटना, साहिबगंज, कोलकाता, ढाका और गुवाहाटी जैसे 50 पर्यटक स्थलों से होकर गुजरेगा।

पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

सोमवार को क्रूज चंदौली के धानापुर से दोपहर में निकला था और वाराणसी की सीमा में प्रवेश कर गया था। वहीं, शाम को वाराणसी के राजघाट से करीब 8 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था। वहीं, रविवार को गाजीपुर में ही सभी 30 स्विस यात्रियों को क्रूज से उतारकर बनारस ले आया गया। यहां पर उनका भव्य स्वागत किया गया। दुनिया के सबसे लंबे और महंगे नदी जल यात्रा की शुरूआत 13 जनवरी को वाराणसी से हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लग्जरी क्रूज गंगा विलास को वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना करेंगे। 51 दिनों तक एडवेंचरस सफर पर निकलने वाला यह क्रूज बांग्लादेश से होते हुए असम के बह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा।

क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में करेंगे पर्यटन

गंगा विलास क्रूज

गंगा विलास क्रूज की लंबाई साढ़े 62 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसमें पर्यटकों के रहने के लिए कुल 18 सुइट्स हैं। साथ में एक 40 सीटर रेस्टोरेंट, स्पा रूम और 3 सनडेक हैं। साथ में म्यूजिक का भी अरेंजमेंट है। यह क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा। मुख्य तीन नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र नदियां पड़ेंगी। क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से आसाम में प्रवेश करेगा। भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी। क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में पर्यटन करेंगे।

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