धाम में इन दिनों अब आस्था के साथ किया जा रहा है खिलवाड़
वाराणसी। अगर आस्था है तो बंद दरवाजा भी रास्ता है… मार्कंडेय महादेव धाम में कुछ ऐसे ही शब्द लिखे हुए हैं। इससे इतर मार्कंडेय महादेव धाम में इन दिनों अब आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मंदिर परिसर के अंदर लोग जूते-चप्पल पहनकर पहुँच जा रहे हैं। न कोई बोलने वाला-न कोई टोकने वाला। कुछ भक्तों की मानें तो मंदिर परिसर में पंडों-पुजारियों के शह पर यह शर्मनाक कृत्य किया जा रहा है। मंदिर प्रबंधन भी आस्था को लेकर सचेत नहीं है।

यह है शर्मनाक कृत्य
बतादें, हिन्दू धर्म की आस्थानुसार लोग मुंडन संंस्कार के साथ ही विवाह सम्बंधित विभिन्न रिति-रिवाजों को पूरा करने के लिए मार्कंडेय महादेव धाम में दर्शन को जरूर आते हैं। एक समय था जब लोग अपने घर से ही बिना चप्पल-जूते के मार्कंडेय महादेव का दर्शन करने निकल जाते थे। उसके बाद समय आया कि अपने वाहनों के पास चप्पल-जूते उतार देते थे। उसके बाद समय आया जब लोग माला-फूल बेचने वालों के पास चप्पल-जूते उतारते थे। उसके बाद मंदिर की सीढ़ियों के बाहर चप्पल-जूते उतरने लगे। इन सबसे ज्यादा शर्मनाक स्थिति अब हो गई है जब लोग मंदिर के अदर चप्पल-जूते ही पहनकर चले जा रहे हैं।

महंगे चप्पल-जूते खो जाने का भय
आम भक्तों के साथ-साथ ढोल-नगाड़े वाले भी हिन्दू आस्था को दरकिनार करते हुए मंदिर में पान-मसाला मुंह में दबाए चले जा रहे हैं। लड़का-लड़की देखवाने आए लोग भी चप्पल-जूते पहनकर मंदिर में विभिन्न रिति-रिवाजों को निभाने बैठ जाते हैं। कीमती कपड़ों के साथ महंगे चप्पल-जूते खो जाने का भय उन्हें सताता है इसलिए वे लोग भी आस्था को दर-किनार कर देते हैं।