आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। खिरिया बाग में धरना दे रहे किसानों से एसडीएम सगड़ी और सीओ ने मुलाकात की। अधिकारियों ने किसानों को निर्देश दिया कि वे 26 नवंबर को लखनऊ में होने वाले राजभवन मार्च में शामिल नहीं होंगे। अधिकारियों ने धरना दे रहे किसानों से कहा कि जनपद में धारा 144 लागू है, हम इसका पालन करवाने के लिए कार्यवाही करने हेतु बाध्य हैं। किसानों ने अधिकारियों के निर्देश को ठुकराते हुए कहा कि वे राजभवन मार्च में जरूर शामिल होंगे। इस पर अधिकारियों ने कहा अगर वे नहीं मानेंगे तो उन्हें रोका जाएगा।
किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 नवंबर को राजभवन मार्च का आयोजन किया गया है। आज़मगढ़ एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से प्रभावित किसानों-मजदूरों ने जमीन-मकान बचाने के संदर्भ में विधायकों और सांसदों से अपील की कि पीड़ित किसानों-मजदूरों की आवाज़ आगामी विधानसभा सत्र में सदन में उठाएं। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 नवम्बर को राजभवन मार्च में 43 दिन से धरने पर बैठे किसान मजदूर शामिल होंगे। वक्ताओं ने कहा कि विधायकों-सांसदों का नैतिक दायित्व है कि किसानों-मजदूरों की जमीन-मकान बचाने के लिए वो सदन में आवाज बुलंद करें। उन्होंने कहा कि अगर जन प्रतिनिधि इन सवालों को नहीं उठाते हैं तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है और वोट मांगने का कोई हक नहीं है। ये सवाल किसी पार्टी का सवाल नहीं किसानों-मजदूरों का सवाल है और किसानी-जवानी पर जिस सदन में बात न हो तो उस सदन को ठप किया जाय। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि 26 नवम्बर को राजभवन मार्च में आजमगढ़ एयरपोर्ट के नाम पर जमीन-छीनने के खिलाफ चल रहे आंदोलन का मुद्दा उठाया जाएगा।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार