सरकारी अभिलेखों में नहीं दर्ज है विद्यालय की भूमि

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रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। महान शिक्षाविद राहुल सांकृत्यायन और कवि सम्राट अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की प्राथमिक पाठशाला राहुल पूर्व माध्यमिक विद्यालय, निजामाबाद की जमीन सरकारी भू अभिलेखों में मौजूद न होने पर एसडीएम निज़ामाबाद को नागरिक समाज ने ज्ञापन दिया। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी और विद्यालय की बाउंड्री निर्माण में कोई बाधा नहीं आएगी।
नागरिक समाज ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन विद्यालय के नाम की भूमि सरकारी भू अभिलेख से गायब होना आज़मगढ़ की पहचान और विरासत पर हमला है। ब्रिटिश काल में स्थापित विद्यालय का नाम आज़ाद भारत के भू अभिलेख से गायब होना शासन की नाकामी है। राहुल सांकृत्यायन का नाम दुनियाभर में विख्यात हैं। वह जिस विद्यालय से पढ़े थे उसका नाम भू अभिलेखों में न होना उनकी पहचान को गुम करने की साजिश है। जिस विद्यालय को सरकार द्वारा बजट आवंटन हुआ है, मतदान केन्द्र रहा है और लगभग 200 सालों से बच्चों की शिक्षा का केंद्र रहा है, उस विद्यालय का नाम भू अभिलेखों से गायब होना उसके अस्तित्व पर बड़ा संकट पैदा करता है। बाउंड्री निर्माण में जब असामाजिक तत्वों द्वारा बाधा पहुंचाई गई तब राहुल सांकृत्यायन की विरासत संवर्धन अभियान ने ज़िलाधिकारी से मांग की थी कि इस बाधा को दूर करके बाउंड्री निर्माण कराया जाए और अब उसके बाद विद्यालय की ज़मीन का भू अभिलेखों से गायब होना बड़ा सवाल खड़ा करता है।
ज्ञापन में मांग की गई कि राहुल सांकृत्यायन और अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध अंतराष्ट्रीय ख्याति के महापुरुष हैं, उनकी विरासत को सुरक्षित और संरक्षित रखना शासन प्रशासन की ज़िम्मेदारी है। विद्यालय का नाम भू अभिलेखों से गायब होने से साहित्यकार, बुद्धजीवी, किसान, मज़दूर और तमाम नागरिक आहत हुए हैं और उन्होंने मांग किया है कि राहुल की प्राथमिक पाठशाला को धरोहर के रूप में संरक्षित किया जाए। ज्ञापन देने वालों में किसान नेता राजीव यादव, जितेंद्र हरि पांडे, पूर्व फौजी चंद्रेश यादव, विरेंद्र यादव, अवधेश यादव, राज शेखर, श्याम सुन्दर मौर्या, अशोक कुमार यादव, मनीष विश्वकर्मा आदि शामिल थे।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा

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