आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के उत्तरी क्षेत्र में बहने वाली सरयू नदी की रफ्तार तो सोमवार को मंद रही, लेकिन ग्रामीणों की बेचैनी एक बार फिर बढ़ गई है। आधा सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि के साथ 24 घंटे में मात्र 12 सेमी की वृद्धि रिकार्ड की गई। इस प्रकार खतरा निशान से मात्र 16 सेमी नीचे नदी बह रही थी। दूसरी ओर दर्जन भर गांवों के रास्ते डूबने से क्षेत्र के ग्रामीण निजी नाव से आवागमन करने के लिए विवश हैं। सरकारी स्तर पर नाव संचालन के लिए अभी खतरा निशान पार होने का इंतजार किया जा रहा था।
शुक्रवार को एक बार फिर बाढ़ की वापसी शुरू हुई तो 10वीं बार फिर उफान मारने लगी है। जमुआरी, बूढ़नपट्टी, बांका, चक्की, सोनौरा, बेलहिया सहित दर्जन भर से ज्यादा गांवों के रास्ते डूबने से आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जमुआरी सहित पांच स्थानों पर नाव का संचालन किया जा रहा है। रास्तों पर पानी भरने से ग्रामीणों के सामने पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या बढ़ने लगी है।
इस बीच 84वें दिन तीन बैराजों से 2,29,424 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ने लगी हैं। इस प्रकार अब तक 2,20,11,961 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 18वें दिन 25 जुलाई, 55वें दिन 1 सितंबर, 66वें दिन 12 सितंबर व 79वें दिन 25 सितंबर को पानी नहीं छोड़ा गया था। राहत की बात यह कि अभी कटान रुकी हुई है। रविवार को 24 घंटे में मात्र नौ सेमी की वृद्धि हुई थी। मुख्य गेज स्थल बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान 71.68 मीटर है। रविवार को यहां 71.40 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया था, जबकि सोमवार को 71.52 मीटर रहा।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार