रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पंदहा गांव स्थित महापंडित राहुल सांकृत्यायन की जयंती जन्म स्थली पर रविवार को धूमधाम से मनाई गयी। प्रतिमा पर माल्यार्पण कर गोष्ठी मे वक्ताओं ने विचारों को आत्मसात किया। कहा आज भी विचारों में है राहुल।
प्रातः विद्यालय के छात्रो के साथ ही लोगो स्थली पर स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। लोगो ने राहुल की याद में नारे लगाए, राहुल तेरे अरमानों को हम मंजिल तक पहुंचाएंगे। अपने संबोधन मे कामरेड जितेंद्र हरि पांडेय ने कहा कि राहुल जी ने भागो नही दुनियां को बदलो, बाईसवीं सदी, मेहरारुन के दुर्दशा, मानव समाज, घुमक्कड़ स्वामी जैसे आदि ग्रंथों के लेखन से महा पंडित कहलाये। आज भी इनके विचार प्रासंगिक है। अपने घुमक्कड़ी जीवन मे जहा गये वहा को जाना परखा और लेखनी मे पिरोया। अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किये।
बिहार से आई एथलेटिक्स सोनी ने कहा कि राहुल की जन्मस्थली पंदहा तो कर्मस्थली बिहार थी। मेरी जन्मस्थली बिहार है और मेरी कर्मस्थली राहुल सांकृत्यायन का दयार होगा। एथलेटिक्स में यहां इतना दम खम लगाएंगे जिससे हम राष्ट्रीय स्तर पर खिताब पाकर ही अपनी जन्मभूमि पर वापस जायेंगे।गोष्ठी को हरिगेन राम,रामचेत यादव.त्रिभुवन पांडे. ठाकुर प्रसाद. आदि लोग उपस्थित रहे। जन पुस्तकालय के संयोजक राधेश्याम पाठक ने आभार जताया।
निज़ामाबाद, प्रतिनिधि के अनुसार रविवार को तहसील निज़ामाबाद स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय पर महापंडित राहुल सांकृत्यायन की 130 वीं जयंती पर उनके चाहने वालों ने उन्हें याद किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज भी देश और दुनियां के अंदर राहुल जी के विचार बहुत प्रासंगिक है। आज़ादी के आंदोलन के दौर में राहुल जी ने भागो नही दुनियां को बदलो,तुम्हारी क्षय,मेहरारुन के दुर्दशा, बाईसवीं सदी,मानसिक गुलामी,साम्यवाद ही क्यों जैसे ग्रंथ लिखकर सम्पूर्ण मानवजाति के इतिहास और विकास का एक मार्ग दिखाया।
रिपोर्ट- प्रदीप वर्मा/वीरेन्द्रनाथ मिश्र