आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय लोक कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन, प्रशिक्षण, प्रस्तुतीकरण एवं गुरू-शिष्य परम्परा के निर्वहन हेतु संस्कृति विभाग द्वारा लोक कलाकार वाद्ययंत्र योजना संचालित है, जिसके अन्तर्गत संस्कृति निदेशालय द्वारा जनपद के प्रत्येक ब्लाक की चयनित एक-एक ग्राम पंचायतों को वाद्ययंत्रों का सेट (हारमोनियम, ढ़ोलक, झींका, मंजीरा एवं घुंघरू) का वितरण किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
उक्त के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना एवं जिलाध्यक्ष धु्रव सिंह द्वारा संयुक्त रूप से हरीऔध कला केन्द्र आजमगढ़ में विकास खण्ड के चयनित ग्राम पंचायत को वाद्ययंत्रों के सेट (हारमोनियम, ढ़ोलक, झींका, मंजीरा एवं घुंघरू) का वितरण किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जनपद के हरिहरपुर में मुख्यमंत्री द्वारा संगीत महाविद्यालय की सौगात दी गयी है, अब प्रयास है कि जो हमारी ग्राम पंचायतें है, वहां भी इस प्रकार के वाद्य यंत्र उपलब्ध हों। शहर से दूर वाले ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी अपने ग्राम में रहकर उन वाद्य यंत्रों पर अपना अभ्यास करके संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होने प्रधानों से कहा कि आजमगढ़ जनपद को यदि आगे बढ़ाना है तो यहां की कला एवं संस्कृति को जीवित रखने का दायित्व आप सभी का है। उन्होने कहा कि इस देश की सबसे छोटी सरकार के मुखिया प्रधान होते हैं।
मुख्य विकास अधिकारी ने वाद्य यंत्र प्राप्त करने वाली ग्राम पंचायतों को बधाई दी एवं उपस्थित समस्त ग्राम प्रधानों से अपील किया कि जो वाद्य यंत्र आपको प्राप्त हो रहे हैं, उनका सदुपयोग करने की जिम्मेदारी आप लोगों की है। वाद्य यंत्र पंचायत भवन में ही रखे जायें। यदि किसी भी बच्चे या अन्य किसी को संगीत का अभ्यास करना है तो वह वहां पर जाकर संगीत का अभ्यास कर सकता है। इस अवसर पर जिला पंचायत राज अधिकारी कुंवर सिंह यादव, जन प्रतिनिधिगण एवं अन्य संबंधित उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-सुबास लाल