अबू की माँ शीबा परवीन दूसरे दिन भी बेसुध पड़ी थी
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। दोषीपुरा निवासी बुनकर मोहम्मद जुनैद अंसारी के साढ़े चार वर्षीय बेटे अबू इस्माइल की हत्या के आरोपी दुकानदार शाहिद जमाल को सोमवार को पुलिस ने अदालत में पेश किया। सलारपुरा बड़ी बाजार निवासी शाहिद को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। उधर, अबू की माँ शीबा परवीन दूसरे दिन भी बेसुध जैसे पड़ी थी। होश में आने पर वह सिर्फ अबू का ही नाम रट रही थी। फिर, रोते हुए बेहोश हो जा रही थी। अबू के मां-बाप और बड़े भाई जियान को ढांढस बंधाने के लिए रिश्तेदारों का तांता लगा हुआ था। घर आए रिश्तेदारों की आंखें भी अबू को लेकर नम दिखीं और जुबान पर एक ही बात थी कि शाहिद जिंदगी भर न भूलने वाला गम दे गया।
परिवार में मच गया था कोहराम
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद जुनैद अंसारी का नर्सरी में पढ़ने वाला बेटा अबू इस्माइल बीते शनिवार की रात घर से टॉफी लेने निकला था। फिर, उसका पता नहीं लगा। रविवार को बुनकर मार्केट के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में दिखा कि शाहिद के साथ अबू जा रहा था। शाहिद को पकड़ कर पुलिस ने पूछताछ की। उसकी निशानदेही पर काजीसादुल्लापुरा में बंद हो चुके एक सिनेमा हॉल के समीप की गली में कूड़े के ढेर के पास थर्माकोल के एक डिब्बे में रखी हुई बोरी में अबू का शव मिला। पुलिस की पूछताछ में 19 वर्षीय शाहिद ने बताया कि अबू के बड़े भाई जियान से दो माह पहले उसकी दोस्ती हुई थी। जियान अपने भाई अबू के साथ बुनकर बाजार स्थित शाहिद के जनरल स्टोर पर आता था। शाहिद अकसर अबू को टॉफी वगैरह दे देता था। दुकान से एक बार अबू और उसके दोस्त 500 रुपये ले गए थे। इस वजह से उसका जियान से झगड़ा हुआ था। इसके अलावा जब भी वह दोषीपुरा मुहल्ले में जाता था तो जियान और उसके दोस्त उसे मारते थे। एक माह पहले भी उसकी पिटाई की गई थी। तभी से वह जियान की हत्या कर उसे सबक सिखाना चाहता था। लेकिन, उससे बातचीत बंद होने के कारण जियान उसके पास आता ही नहीं था। इस वजह से उसने अबू को रात में अकेला देखा तो उसे अपने साथ ले गया और उसे मार डाला।
हत्यारे ने बताया सच
शाहिद ने बताया कि शनिवार की रात अबू अपने चचेरे भाई के साथ दोषीपुरा मैदान के पास दिखा तो वह उसे टॉफी देने की बात कह कर अपनी दुकान ले गया। अबू को दुकान के अंदर ले जाने लगा तो वह शोर मचाया। इस पर उसे चार थप्पड़ मार कर उसका मुंह प्लास्टिक की बोरी से दबा दिया था। उसका शरीर निढाल पड़ गया तो वह अबू को बोरी में डाल कर उसके ऊपर गत्ता रख कर घर चला गया था। रविवार की सुबह जब उसे पता चला कि अबू की तलाश की जा रही है तो वह उसका शव फेंक दिया। इसके बाद नक्खीघाट स्थित अपने चाचा के घर चला गया था। करीब एक माह पहले जियान और शाहिद के बीच दोषीपुरा में कब्रिस्तान के समीप झगड़ा हुआ था। उस दौरान शाहिद ने अबू, वामिक और अन्य लड़कों के सामने जियान को कहा था कि तुम्हें नहीं छोड़ेंगे। बच्चों ने शाहिद की बात को गंभीरता से नहीं लिया था और घर में भी जानकारी नहीं दी थी। अबू के चचेरे भाई वामिक ने यह बात घटना के बाद परिजनों को बताई।
मोहल्ले के लोग रहते थे सतर्क
शाहिद छह भाई-बहनों में तीसरे नंबर का है। उसके दो भाई ई-रिक्शा चलाते हैं और एक भाई पावरलूम चलाता है। पुलिस के अनुसार शाहिद पूछताछ के दौरान असामान्य सा प्रतीत हुआ। वहीं, इलाके के लोगों के अनुसार वह हमेशा छोटे बच्चों के साथ ही रहता था। इसके चलते दोषीपुरा मैदान के आसपास रहने वाले लोग अपने बच्चों को उससे दूर रखते थे। हफ्ते भर पहले वहीं के एक व्यक्ति ने अपने बच्चे के साथ शाहिद को देखकर उसकी पिटाई भी की थी।