आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शहर के जोधी का पूरा स्थित मोहम्मद शाहिद आजमी के आवास पर 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर हिन्दी उर्दू साहित्य मंच के तत्वावधान में कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मशहूर शायर शिबली नेशनल पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डा. निसार जैराजपुरी ने की।
सर्व प्रथम प्रख्यात कवियित्री श्वेता सिंह ने मां सरस्वती की वाणी वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। ओजस्वी कवि महेंद्र मृदुल ने देश भक्ति पर अपनी कविता पढ़ी “ऐ वतन तु गुलिस्ता के फूल हो, जान अर्पण हमारा वतन के लिए, तु सलामत रहे बस यही कामना, तेरी मिट्टी ही काफी कफन के लिए। मशहूर गीता कार शिक्षक विजय प्रताप बूढ़नपुरी ने भी अपनी कविता पढ़ी “जब भी जरूरत हुई देश को सपूतों की। सूनी कर दी मांग अपनी बेटिया इस देश की। भाई की कलाई में बहन कैसे राखी बांधे। खाली कर दी गोद मां ने देश की भलाई में। संस्था के अध्यक्ष शायर ताज अजमी ने अपनी कविता पढ़ी देश के खातिर मारना जीना सबसे बस की बात नही, हस्ते हुए फांसी पर चढ़ना सबके बस की बात नही, इसके अतिरिक्त अन्य कवियों में मुहम्मद शाहिद अजमी शायर सिराज अहमद, प्रेमा नंद पटेल, अर्चना सिंह, महिमा तिवारी, राजकुमार आशीर्वाद, रोहित राही अन्य कवियों ने सामायिक विषयो पर कविता पाठ एवम शायरी सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। अध्यक्षता कर रहे डा. निसार जैराजपुरी ने देश की एकता पर अपनी कविता प्रस्तुत करते हुए कहा “हिंदू मुस्लिम है यहां एक दूजे के मीत। इस दौरान कई समाजसेवियों व पत्रकारो को पदमाकर लाल वर्मा, सोनू प्रजापति, अशफर, अनिल विश्वकर्मा, सुनील विश्वकर्मा, उमेश सिंह गुड्डू को अंगवस्त्र व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर नित्यानंद यादव, अमरेंद्र राय एडवोकेट, पप्पू राय, अजय शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कवि सम्मेलन एवम मुशायरे का सफल संचालन कर रहे संस्था के मुख्य संरक्षक साहित्यकार पत्रकार संजय कुमार पांडेय ने देश भक्ति पर अपने शेरो शायरी के माध्यम माहौल को खुशनुमा बना दिया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव