वाराणसी में दिन ‘चार’ गुना और रात ‘आठ’ गुना पानी निचोड़ रहे RO WATER PLANT

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जलकल विभाग बेखबर, डब्ल्यूएचओ ने भी माना कि घातक है आरओ का पानी

वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। गर्मी की शुरुआत होते ही पानी की डिमांड बढ़ जाती है। इसी ‘डिमांड’ का फायदा उठाते हुए वाराणसी में अब अंधाधुंध तरीके से आरओ वॉटर प्लांट लगाए जाने लगे हैं। दिन ‘चार’ गुना और रात ‘आठ’ गुना की तरक्की कर रहे इन आरओ वॉटर प्लांट की जानकारी जलकल विभाग को भी आधी-अधूरी है। गलियों में वॉटर प्लांट लगाकर मनबढ़ लोग जमीन से लाखों की लीटर पानी निचोड़ कर ‘लाखों’ रुपये कमा रहे हैं। इसका खामियाजा आसपास के लोगों का भुगतना पड़ रहा है। पानी का लेवल तेजी से नीचे जा रहा है। दूसरी तरफ, आरओ पानी को बड़े-बड़े चिकित्सक भी न पीने का दावा कर रहे हैं। इसके अलावा नवजातों के विकास में भी आरओ वॉटर सेवन से दिक्कतें सामने आने लगते हैं। आरओ पानी को शुद्ध जरूर करता है, लेकिन इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम को भी खत्म कर देता है, जिससे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। वैश्विक लेवल पर बात की जाए तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से भी कई बार आरओ वॉटर को लेकर आगाह किया जा चुका है। इन सब समस्याओं से बेखबर जिले के जलकल विभाग पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं।

नॉमर्ल पानी को उबालकर पीना ही लाभदायक

चिकित्सकों के अनुसार, आरओ के पानी के सेवन से शरीर के पानी में घुले इलेक्ट्रोलाइट्स पतले हो जाते हैं। इलेक्ट्रोलाइड्स खून में घुले मिनरल्स होते हैं जिनकी बदौलत इलेक्ट्रिकली चार्ज तरल पदार्थ शरीर में इधर से उधर होते हैं। इससे शरीर के आवश्यक अंगों पर भी असर पड़ता है। इस कारण थकान, कमजोरी, सिर दर्द, शारीरिक दर्द आदि की शिकायतें होने लगती है। कभी-कभी दिल की धड़कनें भी तेज हो जाती हैं। इसका कारण यह है कि इन आरओ में फिल्टर होने पर पानी से कुछ जरूरी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं जो शारीरिक विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम, विटामिन बी जैसे 12 तत्व पानी से नष्ट हो जाते हैं, जिसका विपरीत प्रभाव आपके शरीर पर पड़ता है। इसके अलावा आरओ से फिल्टर के प्रयोग के बाद पानी का प्रयोग आपको किसी तरह का फायदा नहीं देता और कई पोषक तत्वों की कमी होने की सम्भावना होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 400 टीडीएस तक सहन करने की क्षमता रखता है परंतु प्यूरीफायर में 18 से 25 टीडीएस तक पानी की शुद्धता होती है जो कि नुकसानदायक है।

उम्र पर भी पड़ता है असर

चिकित्सकों के अनुसार अगर हम नॉर्मल पानी को उबाल कर पीएं तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा नॉर्मल पानी में प्रति लीटर आयोडीन की पाँच बूंदें डाल सकते हैं। एक लीटर पानी में लिक्विड ब्लीच की चार बूंदें डालकर भी पानी को साफ किया जा सकता है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी एक मीडिया रिपोर्ट में आरओ के पानी को पीने योग्य नहीं बताया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, रिवर्स आॅस्मोसिस या आसवन द्वारा उत्पादित कम खनिज (टीडीएस) पीने का पानी लम्बे समय तक मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है और वास्तव में इसका सेवन करने वालों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकता है। इससे बीमारियों में बढ़ोतरी के साथ उम्र पर भी खासा असर पड़ता है।

रिपोर्ट : अमन विश्वकर्मा

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