जयंती पर याद किये गये क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद व तिलक

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फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय दयानद बाल मंदिर विद्यालय परिसर में बुधवार को आरएसएस के नेतृत्व में महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद, व लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की जयंती मनाई गई। विचार प्रतियोगिता प्रश्नोत्तर विधि से संवाद कर इन महापुरुषों के जीवन पर राष्ट्रीय सवाभिमान को सुरक्षित रखने की सार्थक पहल की गई।
डीएवी पब्लिक स्कूल, सरस्वती शिशु, विद्या मंदिर के छात्रों ने प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें शुभम मोदनवाल, संजना प्रजापति, सुमित जाधव, उज्जवल रमन को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संयोजक अरविंद, विद्यालय प्रधानाचार्य एके भारद्वाज द्वारा चंद्र शेखर आजाद, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अरविन्द ने कहा कि दोनों क्रान्तिकारी प्रतिभा के धनी थे। अंग्रेज ने चंद्रशेखर आजाद से पूछा, नाम तो आजाद, पिता का नाम स्वतंत्रता, माता भारत माता बताया। उनका उदघोष आजाद हूं, आजाद रहूंगा, और आजाद ही मरूंगा का लक्ष्य बनाए रखें। लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने कहा था स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है, इसे हम लेकर रहेंगे। तिलक ने जेल में रहकर गीता रहस्य नामक पुस्तक लिखा। इस अवसर पर प्रतियोगी छात्रों के अलावा नगर के गणमान्य लोग उपस्थित थे। अध्यक्षता राजेन्द्र मुनि, संचालन प्रांजल आर्य ने किया। इसी क्रम में विश्राम घाट गढवा मन्दिर परिसर में भी महापुरुषों की जयंती सुरेश मौर्य के नेतृत्व में मनाई गई। जिसमे क्रान्तिकारी के कृतित्व, व्यकित्व पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर डा.आरबी वर्मा, डा.रामाशीष यादव, रामसेवक सोनकर, डा.मनोज् यादव, सुरेन्द्र, आनंद, राजीव, अनिल आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय

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