महराजगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बूढ़नपुर तहसील के उसूरकुढ़वा ग्राम में राजस्व कर्मी क्षेत्रीय लेखपाल व राजस्व निरीक्षक सहित स्थानीय थाना पुलिस पर पीड़ित परिवार ने जमीन सम्बन्धी मुक़दमा सिविल न्यायालय आजमगढ़ व उपजिलाधिकारी बूढ़नपुर के कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद नियम विरुद्ध जमीन कब्ज़ा कराने का आरोप लगाया है। विपक्षी द्वारा पीड़ित व परिवार को मारने पीटने तथा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग की तहरीर थाना महराजगंज को दिया गया है।
पीड़ित व पीड़ित के वकील ने बताया कि उसूर कुढ़वा निवासी पीड़ित जितेंद्र राम की एक जमीन भैरवबाबा मंदिर के पास है जो उसके दादा अदलती को रजिस्टर वसीयत से मिली थी। उसे पीड़ित के पट्टीदारों ने पीड़ित के दादा से फर्जी तरीके से लोक अदालत में सुलहनामा करवा लिया जिसे पीड़ित ने सिविल न्यायालय में चुनौती दे रखा है। इसी दौरान 2009 में विपक्षी ने सुलहनामे के आधार पर नायब तहसीलदार बूढ़नपुर से उस जमीन के सहखातेदार के तौर पर नामांन्तरण का आदेश करवा लिया। इसकी जानकारी जब पीड़ित को हुई तो वह नायब तहसीलदार को वस्तु स्थिति की जानकारी दी जिस पर नायब तहसीलदार ने इसे धोखा बताते हुए अपने पूर्व के आदेश को निरस्त कर दिया। पीड़ित के वकील ने बताया कि 2017 में विपक्षी ने एक बार फिर धारा 38 के तहत एसडीएम के यहां वाद दायर कर नियम विरुद्ध अपना नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज करा लिया और उक्त जमीन को 2022 में विक्रय कर दिया। कब्जे के लिए क्रेता द्वारा जब प्रयास किया गया तब पीड़ित को पता चला कि एक बार फिर विपक्षी द्वारा गलत तरीके से नियम विरुद्ध नामांतरण करा लिया गया है। पीड़ित ने एक बार फिर एसडीएम कोर्ट में चुनौती दी जो अभी तक विचाराधीन है।
इसी दौरान शनिवार को क्रेता राजस्व कर्मी क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक व लेखपाल तथा स्थानीय थाने के पुलिस बल व अपने सहयोगियों के साथ उक्त जमीन को कब्ज़ा करने लगा। इसपर विवाद बढ़ गया और नौबत मारपीट तक चली गयी। पीड़ित ने राजस्व कर्मी व पुलिस बल पर नियम विरुद्ध जमीन कब्ज़ा कराने का आरोप लगाते हुए क्रेता द्वारा खुद के साथ व परिवार के साथ जातिसूचक शब्दों के प्रयोग करने, गाली गलौज करने व मारपीट का आरोप लगाया है। अब देखना यह है कि उक्त आरोपों की सच्चाई क्या निकल कर आती है यह तो जांच का विषय है।
रिपोर्ट-राजनरायन मिश्र