स्वामी प्रसाद के कृत्य से हिन्दू संगठनों में आक्रोश

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। रामचरित मानस पर अशोभनीय टिप्पणी का मामला जनपद में भी सुर्खियों में बना हुआ है। इसे लेकर हिन्दू संगठनो में उबाल है। शुक्रवार को हरिवंश मिश्र के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट चौराहे पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या का प्रतीकात्मक पुतले को जल्लाद की भूमिका निभाते हुए मिथिलेश चौरसिया ने फांसी पर चढ़ा दी। इसके बाद हिन्दू जागरण मंच, गौ रक्षा प्रकोष्ठ, विश्व हिन्दू महासंघ, वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन विश्व हिन्दू महासंघ ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या व उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की।
हरिवंश मिश्र ने कहा कि भगवान मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के जीवन वृतांत को रामचरित मानस ग्रंथ में दर्शाया गया है। रामचरित मानस ग्रंथ हिन्दू धर्म के गौरव के साथ आदि अनादि काल से ही पूज्यनीय पुस्तिका रही है। उक्त ग्रंथ के खिलाफ समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा अशोभनीय टिप्पणी करते हुए उसमें अंकित पवित्र चौपाइयों की गलत व्याख्या करते हुए उसकी प्रतियों को अपने अनुयायियों से जलवाकर पूरे हिन्दू समाज की आस्था पर चोट किया गया है। ऐसे कृत्य से हिन्दू धर्म के लोगों को भड़काने और समाज को खंडित किए जाने का साहस किया गया है। सपा समाज को बांटने का काम करती आई है, लेकिन अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
अरूण सिंह साधू ने कहा कि किसी भी धर्म की प्रतियों को जलाने या धर्म की गलत व्याख्या करना अपराध की श्रेणी में आता है, स्वामी प्रसाद मौर्या ने हिन्दू धर्म (सनातन धर्म) को ठेस पहुंचाते हुए घृणित और असामाजिक कार्य किया है। ऐसे लोग समाज में खुलेआम न घूमें इसलिए इन्हें जेल भेजकर समाज की सुरक्षा किया जाना चाहिए। राधामोहन गोयल ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही किए जाने की मांग किया। हलधर दूबे ने कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या पर शीध्र ही कार्यवाही नहीं की गई तो संगठन अपने स्तर से कार्यवाही करने को बाध्य होगा। मिथिलेश चौरसिया ने कहा कि हमारे धर्म के ऊपर आंख उठाने वालों का हश्र ऐसा ही होता रहेगा। इस अवसर पर सत्यम त्रिपाठी, विष्णुकांत चौबे, शिव कुमार मौर्या, दयानंद शुक्ल, उमेश गौड, अभिमन्यु, छोटू, रामप्यारे, विकास चौबे, शंशाक पांडेय, सुनील पांडेय, रामभवन चौहान, सुनील मिश्रा आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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