फूलपुर आजमगढ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लाक के अधिकारियो और कर्मचारियों की उदासीनता के कारण गावों में हो रहे विकास कार्यों में नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कार्यों का बिना इस्टीमेट बने और बिना वित्तीय स्वीकृति के कार्य कराया जा रहा है। कार्य करा कर मनमाने तरीके से इस्टीमेट वित्तीय स्वीकृति और मेजरमंेट करा कर सरकारी धन का बंदर बाट किया जा रहा है।
फूलपुर ब्लाक के सुदनीपुर गांव में बिना वित्तीय स्वीकृति के मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। इसका जीता जागता प्रमाण ब्लाक से सटे गांव ग्राम पंचायत सुद्नीपुर में देखने को मिला। कैफ़ी आज़मी मार्ग से सटे वर्षाें पूर्व पंचायत भवन के नाम से सरकारी अभिलेखों में भूमि पर वर्षाें पूर्व पंचायत भवन का निर्माण कराया गया था। रख रखाव के अभाव और घटिया सामग्री के प्रयोग से जल्द ही पंचायत भवन की दिवारें दरक गयी। ध्वस्तीकरण योग्य पंचायत भवन हो गया। वर्षाे पूर्व प्रधान रहे महेन्द्र प्रसाद सहित ग्रामिणों ने पंचायत भवन ध्वस्त करा नए भवन निर्माण की मांग होती रही और शासन तक पत्र भेजे जाते रहे। लोक निर्माण विभाग से जांच कराई गई जिसमें लोक निर्माण विभाग के अभियंता की मरम्मत योग्य रिपोर्ट देने के कारण जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया। पंचायत भवन निर्माण और मरम्मत कराने का सख्त निर्देश के कारण गावों में पंचायत भवन का निर्माण तब शुरु हुवा जब अन्य किसी कार्य के भुगतान पर रोक लग गई। जिसका परिणाम यह हुआ कि ग्राम पंचायत सुद्नीपुर में बिना इस्टीमेट और वित्तीय स्वीकृति के मरमत का कार्य प्रधान द्वारा शुरु करा दिया गया। ग्राम पंचायत सदस्य बिकास सिंह चंदेल सहित ग्रामीण अनुराग अमित संतोष आदि ने ब्लाक सहित जिले के उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पंचायत भवन का निर्माण मानक के अनुसार कराने की मांग की है। इस संबंध में तकनीकी सहायक अभिषेक पाल व ग्राम पंचायत अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि अभी दरकती दिवार के प्लास्टर को तोड़कर देखा जाएगा फिर इस्टीमेट बना वित्तीय स्वीकृति प्राप्त कर निर्माण शुरु कराया जाएगा। इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी पंचायत असविंद यादव ने बताया कि देखते है क्योंकि पांच लाख से ऊपर खर्च के लिए स्वीकृति हमारे स्तर से होती है। पंचायत भवन के निर्माण और मरम्मत में किसी प्रकार की अनियमितता क्षम्य नहीं होगी।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय