लालगंज (आजमगढ़)। शारदीय नवरात्र शुरू होने के साथ ही रामलीला का मंचन भी आरंभ हो गया। सामाजिक मान्यता है कि भगवान राम द्वारा लंका पर विजय के पश्चात अयोध्या आगमन पर विजयदशमी मनाई गई। उसी परंपरा को कायम रखते हुए नवरात्रि में रामलीला का मंचन किया जाता है। तदुपरांत विजयादशमी मनाई जाती है।
देवगांव बाजार में सोमवार की रात से रामलीला का मंचन शुरू हो गया, जो 9 दिनों तक लगातार चलेगा। दसवें दिन विजयादशमी के उपरांत भरत मिलाप का आयोजन किया जाएगा। प्रथम दिन के रामलीला मंचन में नारद मोह तथा राम जन्म की झांकी का मंचन किया गया। स्थानीय बाजार के नवयुवक कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया गया। जिसमें गोविंद तिवारी नारद, विनय शुक्ला ने भगवान विष्णु, अवधेश सेठ ने ब्रह्मा , विकास सेठ ने शंकरजी, सतीश मौर्य मां पार्वती, जय कुमार राम ने रावण का रोल अदा किया। रामलीला मंचन का उद्घाटन पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर नरेंद्र सिंह ने कहा कि हजारों वर्षों से भगवान राम की पूजा करते हुए रामलीला का मंचन होता आया है। विजयादशमी का पर्व प्रतिवर्ष मनाया जाता है मुझे आशा और विश्वास है कि इस बार भी रामलीला का मंचन सही ढंग से करते हुए विजयादशमी मनाई जाएगी। इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष अवधराज यादव, वरिष्ठ नेता जेपी सिंह, मिथिलेश सिंह, दिलीप मौर्य, लाल बहादुर मौर्या, बाबूराम चौहान आदि उपस्थित रहे।
अतरौलिया प्रतिनिधि के अनुसार अतरौलिया के छितौनी में होने वाली 37 वर्ष पुरानी रामलीला का मंचन मंगलवार से प्रारम्भ हो गया। 1985 से लगातार चली आ रही। रामलीला को देखने के लिए दूरदराज से लोग पहुंचते हैं और जमकर आनंद लेते है। इस ऐतिहासिक रामलीला के लिए प्रबंध समिति के लोगों द्वारा व्यवस्था कराई जाती है। वहीं स्थानीय कलाकारों द्वारा विभिन्न भूमिका में रामलीला का मंचन किया जाता है जिसके लिए लोगों को काफी दिनों तक लंबा इंतजार करना पड़ता है। ऐतिहासिक रामलीला का लोगों में बड़ी चर्चा होती है जहां प्रभु राम के जीवन चित्रण पर आधारित रामलीला का मंचन किया जाता है जिसमें स्थानीय कलाकार राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, जामवंत, अंगद, विभीषण तथा रावण की भूमिका में नजर आते है। रामलीला में आए हुए दर्शनार्थियों के लिए किसी प्रकार की असुविधा न हो जिसके लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग किया जाता है।