ब्रह्मांड में रामकथा ही एक मात्र सुखमय जीवन का साधन: कौशल किशोर

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माहुल आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय नगर पंचायत के सिद्धपीठ कालीचौरा मंदिर प्रांगण में चल रही सप्तदिवसीय श्री शक्ति मानस महायज्ञ के प्रथम दिन कथा वाचक पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने राम कथा के महत्व को विस्तार से बताया। जिसे सुन पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
कथा वाचक पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने कहा कि भगवान की कथा के श्रवण मात्र से ही संपूर्ण चराचर जगत में समृद्धि आती है। उन्होंने महर्षि ऋषि और भगवान शिव और माता सती के वृत्तांत को सुनाते हुए कहा कि त्रेता युग में महर्षि कुम्भज भगवान राम की कथा सुना रहे थे जिसे सुनने के लिए भगवान शिव जी माता सती के साथ वहां गए। भगवान शिव और सती को देख कर व्यास गद्दी पर बैठ कर कथा सुना रहे महर्षि कुम्भज ने शिव जी और माता सती को प्रणाम किया और उनके पांव पखारे। जिसको देखकर माता सती के मन में संदेह उत्पन्न हो गया और वे सोचने लगी कि जो व्यक्ति कथा सुनने आए हमारे पति का पांव पखार रहा वह क्या कथा सुनाएगा। सती के मन में अहंकार उत्पन्न हो गया। शिव जी ने तो कथा को एकाग्रचित होकर सुना पर सती जी ने कथा पर ध्यान नहीं दिया। आचार्य कौशल किशोर जी महाराज ने कहा कि कथा के अनादर का प्रभाव यह हुआ कि माता सती को यज्ञ कुंड में कूद कर अपनी आहुति देनी पड़ी और पार्वती जी के रूप में जन्म लेने के बाद उन्हें शिव जी के लिए कठिन तप करना पड़ा।
इस अवसर पर पंडित घनश्याम पांडेय, अजय श्रीवास्तव, पंडित हरिकेश चौबे, अटल बिहारी पांडेय, धर्मशीला पाण्डेय, बबलू शुक्ला, रामेश्वरम पाण्डेय, संतोष मोदनवाल, संजय मोदनवाल, शंकर सेठ आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-श्यामसिंह

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