अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। रमजान का मुबारक महीना हमारे ऊपर साया फगन है। यह महीना कदर करने वालों को नवाज कर जाता है। इसी महीना में कुरान उतारा गया। इसी महीना में शबे क़दर और एतेकाफ है। रमजान अल्लाह का पसंदीदा महीना है। उक्त बातें मौलाना मोहम्मद अब्दुल बारी नईमी पेश इमाम जामा मस्जिद अतरौलिया ने रोजा इफ्तार पार्टी के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि दिन का रोजा और रात की नमाज ए तरावीह पढ़ कर मुसलमान अपने रब की खुशी हासिल करता है। इसमें एक नेकी का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का सवाब 70 फर्ज के बराबर होता है। इस महीना में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं, जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और शैतानों को जंजीरों में क़ैद कर दिया जाता है। अल्लाह ताला की अजीम और कीमती नेमतों में से एक मुकद्दस तरीन अहमियत कि हामिल नेमत माह ए रमज़ान है। रमजान अल्लाह की अनगिनत रहमतों के मजमूए का नाम है। यह इंसानों को गफलतों, कोताहीयों और गुनाहों से अलग करके अल्लाह के साथ अपनी हकीकी बंदगी का टूटा हुआ रिश्ता हमवार करने की एक अनमोल दावत है। यह मोमिनों के लिए नवैदे जांफेज़ा है, जिसके जरिया वह इसकी रौनकों और खुशबुओं से साल भर महकता रहता है। इसलिए हमें चाहिए इस महीना की तमाम इबादतें शरई दायरे में रहकर अंजाम दें। इसी तरह साल के 11 महीने अपनी जिंदगी को गुजारने की कोशिश करें।
रिपोर्ट-आशीष निषाद