ढाई दशक बाद दत्तात्रेय मंदिर पहुंचेंगे राम-लक्ष्मण और हनुमान

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निजामाबाद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जब कोई इंसान मुसीबत में फंसता है, तो ऊपर वाले को दोष देता है, लेकिन यहां तो भगवान ही ढाई दशक बाद मुसीबतों से मुक्त होने वाले हैं। यानी ढाई दशक बाद राम-लक्ष्मण और हनुमान जी दत्तात्रेय मंदिर पहुंचेंगे। अदालत के आदेश के बाद मालखाने में पड़ी मूर्तियों की मंदिर में स्थापना की जाएगी।
मंदिर के पुजारी रवी बाबा ने बताया कि कोर्ट से आदेश थाना प्रभारी निजामाबाद को हो गया है कि सुरक्षा व्यवस्था के साथ दत्तात्रेय मंदिर में 1996 व 1999 में चोरी हुई मूर्तियों को स्थापित कराया जाए। चोरी और बरामदगी के बाद से सभी मूर्तियां मालखाने में रखी गई हैं। प्रभु को विधिक फैसले का इंतजार करना पड़ा, जो अब आ गया है।
थाना प्रभारी निजामाबाद सच्चिदानंद यादव ने बताया कि कोर्ट का आदेश मिल गया है। उच्चाधिकारियों से सुरक्षा-व्यवस्था की मांग की जा चुकी है। पुजारी से भी वार्तालाप किया गया है। पुजारी ने कहा है शुभ मुहूर्त देखकर विधि-विधान से जल्द ही सभी मूर्तियों को स्थापित करा दिया जाएगा। क्षेत्र के लोगों को जब इस बात की जानकारी मिली, तो पुजारी के साथ सभी मेें खुशियों की बयार बहने लगी है।
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने में 400 वर्ष का समय लगा तो वहीं निजामाबाद तहसील क्षेत्र के महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से चोरी हुई भगवान राम-लक्ष्मण और हनुमान जी की अष्टधातु की मूर्तियां एक बार फिर से स्थापित करने में 25 वर्ष का समय लग गया।

इनसेट–
आस्था का केंद्र है महर्षि दत्तात्रेय आश्रम

निजामाबाद (आजमगढ़)। जिला मुख्यालय से 15 किमी की दूरी पर निजामाबाद कस्बे से सटकर सेंटरवा मार्ग पर गौसपुर ग्राम सभा में तमसा और कुंवर नदी के संगम पर स्थित महर्षि दत्तात्रेय आश्रम आस्था का एक बड़ा केंद्र है। दर्शन-पूजन के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों लोग तमसा और कुंवर नदी के संगम में डुबकी लगाकर भगवान दत्तात्रेय का दर्शन-पूजन व हवन कराते हैं। मान्यता के अनुसार हवन-पूजन और दर्शन करने के बाद जो भी मिन्नतें मांगी जाती हैं, वह पूर्ण होती हैं। यहां पर अष्टधातु की भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां स्थापित थीं, जिसे चोरों ने दो बार में चोरी कर लिया था। 1996 और 1999 में चोरी हो गई थी और पुलिस ने बरामद कर लिया था। उसके बाद सभी मूर्तियां सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में मालखाने में रखी गई थीं और मुकदमा चल रहा था।
रिपोर्ट-वीरेन्द्र नाथ मिश्र

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