आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा प्रथम पर अनुसूचित जाति उप परियोजना अंतर्गत स्वस्थ सब्जी पौध उत्पादन तकनीकी का प्रशिक्षण दिया गया। केंद्र के प्रभारी अधिकारी प्रो. डीके सिंह के नेतृत्व में कार्य कर रहे उद्यान वैज्ञानिक डा. विजय कुमार विमल ने बताया कि खेती में धान गेहूं के साथ-साथ सब्जी का उत्पादन बहुत ही जरूरी है। परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दैनिक आहार में प्रति व्यक्ति को 275 ग्राम सब्जी प्रतिदिन सब्जी खाना चाहिए। स्वस्थ सब्जी तैयार करने के लिए सबसे अच्छा तरीका प्रो ट्रे तकनीकी है। इससे सब्जी की रोग रहित पौध तैयार कर सकते हैं। इसके तहत किसान कम समय में जहां रोग व्याधि रहित पौध तैयार करते हैं वहीं अगेती फसल तैयार कर बाजार में बेच कर अधिक मुनाफा भी कमाते हैं। इसमें कीट व्याधि का प्रकोप भी बहुत कम होता है। इस तकनीक में जमीन पर तैयार पौधे की तुलना में सामान्य पौधे से 15-20 दिन पहले फलने लगते हैं। इस तकनीक से पौध का कोई भी हिस्सा टूटता या बर्बाद नहीं होता है और सभी पौध एक समान रूप में वृद्धि करते हैं। प्रो ट्रे को तैयार करने के लिए कोकोपिट यानी नारियल की भूसी या रेशा में खनिज लवणों को मिलाकर कृत्रिम मिट्टी के तौर पर तैयार किया जाता है। टमाटर, बैगन, मिर्च, गोभी, कद्दूवर्गीय सब्जियां, पपीता, फूल आदि के बीज आसानी से तैयार किया जा सकता है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. रुद्र प्रताप सिंह ने सब्जियों के नर्सरी में लगने वाले रोग कीट आदि के निदान के बारे में विस्तार से बताया। डा. रणधीर नायक ने सब्जियों की नर्सरी के उत्पादन में खाद एवं उर्वरक के महत्व व उपयोग के बारे में बताया। अंत में प्रशिक्षार्थियों को सब्जी वाटिका बनाने हेतु सब्जी का मिनी किट वितरित किया गया।
रिपोर्ट-सुबास लाल