अंजानशहीद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कर्बला की जंग में अपने 72 साथियों के साथ शहीद हुए इमाम हुसैन और शहीदानें कर्बला की याद में मनाया जाने वाला चेहल्लुम जीयनपुर में शिया समुदाय ने मातम कर शहीदाने कर्बला को खिराजे अकीदत पेश की। शहादत को याद कर अजादार रोते रहे।
कर्बला में पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन मुहर्रम की 10वीं तारीख को अपने परिवार और 72 साथियों संग इस्लाम को बचाने के लिए शहीद हो गए थे। जंग में शहादत के 40 दिन पूरे होने पर शिया समुदाय में चेहल्लुम मनाया जाता है। इसी क्रम में जीयनपुर नगर पंचायत के कुरैश नगर में हर वर्ष चेहल्लुम का आयोजन सफर के दुसरे रविवार को किया जाता है। इस वर्ष भी चेहल्लुम का आयोजन सफर के दुसरे रविवार को किया गया। इस दौरान नौहा और मातम भी किया गया। जबकि रह-रह या हुसैन की सदाएं और नारा-ए-हैदरी भी गूंजता रहा। चेहल्लुम में जिले भर की अंजुमने नज़र आईं। जीयनपुर कर्बला मैदान में 18 बनी हाशिम के ताबूत की जियारत भी कराई गई। उसके बाद अंजुमनो ने जीयनपुर चौराहे पर पहुंच कर नौहा व मातम किया गया। वही सुल्तानपुर से आए मौलाना मुशीर हसन खान ने कहा कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन ने इस्लाम का पैगाम नहीं देकर , इंसानियत का पैगाम दिया। इसकी वजह से आज पूरी दुनिया में इमाम हुसैन का नाम लेने वाले लोग मौजूद है। आगे उन्होंने कहा कि मजहब नहीं सिखाता बैर करना, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी लोग एक है। साथ अमन चौन और शांति के लिए दुआ की गई। वही जीयनपुर चौक पर मौलाना समसुल हसन ख़ान ने मजलिश को खिताब किया, जहा आजादरो की आंखे नम हो गईं। इस दौरान अंजुमनों ने नौहा मातम किया। इस दौरान नेहाल मेंहदी, जीशान मेंहदी, फहद खान, आदिल अब्बास,शहजान मेंहदी, फरमान अली, सफी हसन, तारिक खान, अयाज़, आज़म खान, हासिम खान, शाकिब खान, सादिक खान, आमिर, रज़ा, माज़ खान, नसीम, हैदर, वफादार आदि लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट-फहद खान