आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने मण्डलीय उद्योग बन्धु की बैठक अध्यक्षता करते हुए जीआईएस (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) से सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेश हेतु जो प्रस्ताव वास्तविक नहीं हैं उसे तत्काल हटायें तथा एमओयू (मेमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैण्डिंग) एवं जीबीसी (ग्राउण्ड ब्रेकिंग सर्मनी) का सही विवरण प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया लगातार इन्वेस्टर्स के सम्पर्क में रहें तथा आवश्यकतानुसार उनका हर संभव सहयोग करते रहें।
मण्डलायुक्त श्री चौहान ने उद्योग विभाग की ऋण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए पाया कि प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन योजना में आज़मगढ़ हेतु निर्धारित लक्ष्य 109 के सापेक्ष 76 लाभार्थियों के आवेदन स्वीकृत होने के उपरान्त 13 लाभार्थियों को ऋण वितरण किया गया है, जो बहुत ही कम है। इस योजना में जनपद मऊ एवं बलिया की प्रगति सन्तोषजनक है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना अंतर्गत जनपद आज़मगढ़ में निर्धारित लक्ष्य 153 के सापेक्ष प्रेषित 30 आवेदनों में से बैंकों द्वारा 15 स्वीकृत किये गये हैं तथा 7 लाभार्थियों को मार्जिन मनी उपलब्ध कराई गयी है। ओडीओपी में बलिया की प्रगति सन्तोषजनक पाई गयी। मण्डल के जनपदों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने की दिशा में हुई प्रगति के सम्बन्ध में मण्डलायुक्त को अवगत कराया गया कि जनपद मऊ में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हेतु प्रस्तावित कताई मिल परदहां की शासन से स्वीकृति प्राप्त हो गयी है तथा उसका नामान्तरण भी करा लिया गया है। जनपद बलिया में इसके लिए किसान सहकारी चीनी मिल का स्थलीय निरीक्षण कर आख्या मुख्यालय को भेजी गयी है, जबकि आज़मगढ़ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के सन्निकट नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने के सम्बन्ध में वर्तमान में कोई कार्ययोजना प्रस्तावित नहीं है। इस अवसर पर अपर आयुक्त हंसराज व केके अवस्थी, सहायक आयुक्त उद्योग मऊ सगीर अहमद, क्षेत्रीय प्रबन्धक, प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड ओएच सिद्दीकी सहित अन्य विभागों के अधिकारी तथा तीनों जनपदों में उद्यमी उपस्थित थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार