आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। नवरात्र में एक ओर मां भगवती की आराधना की जाएगी, तो दूसरी ओर डाक विभाग बालिकाओं का भविष्य संवारने के लिए अभियान चलाएगा। तीन अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक चलने वाले सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के अभियान की सफलता के लिए व्यापक जनसंपर्क किया जाएगा।
प्रवर अधीक्षक डाकघर अखिलेश कुमार ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना का लक्ष्य बालिकाओं के भविष्य को संवारना है। योजना माता-पिता को बेटी के भविष्य की शिक्षा के लिए एक कोष बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसे प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत प्रारंभ किया था। इसमें 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर और कर लाभ मिलता है और किसी भी डाकघर में खोला जा सकता है।
प्रवर अधीक्षक डाकघर ने बताया कि खाता बालिकाओं के जन्म से 10 वर्ष की आयु के बीच कभी भी खोला जा सकता है। एक बालिका के नाम पर केवल एक और माता-पिता अधिकतम दो बालिकाओं का खाता खोल सकते हैं। खाते को देश के किसी भी डाकघर में स्थानांतरित किया जा सकता है। खाता खोलने के साथ माता-पिता अपनी बालिकाओं का निःशुल्क आधार नामांकन भी डाक विभाग के माध्यम से करा सकते हैं। खाता कम से कम 250 रुपये से खोला जा सकता है। इसके बाद 50 रूपये के गुणकों में कोई भी राशि जमा की जा सकती है। हालांकि, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में जमा करने की अधिकतम सीमा राशि 1,50,000 रुपये है। यह राशि एकमुश्त या कई किस्तों में जमा की जा सकती है। खाते में धनराशि, खाता खोलने की तिथि से 15 वर्ष पूरे होने तक जमा की जा सकती है। 18 वर्ष की आयु में उच्च शिक्षा उद्देश्यों के लिए 50 प्रतिशत निकासी की अनुमति होगी और खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष की समयावधि के बाद परिपक्व होता है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार