अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शनिवार को थाना परिसर में आयोजित समाधान दिवस एक बार फिर अपनी विफलता के कारण चर्चा में रहा। तहसीलदार शिव प्रकाश सरोज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए समाधान दिवस में राजस्व से जुड़े कुल 8 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए गए, परंतु एक भी मामले का मौके पर निस्तारण नहीं हो सका। सभी मामलों को मात्र औपचारिकता निभाते हुए संबंधित लेखपालों के पास अग्रेसित कर दिया गया।
प्रदेश सरकार जहां राजस्व विवादों के त्वरित समाधान की नीति पर जोर दे रही है, वहीं तहसील और थाना स्तर पर आयोजित समाधान दिवस अब लचर व्यवस्था और प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बनते जा रहे हैं। फरियादियों को उम्मीद लेकर आने के बाद खाली हाथ लौटना पड़ता है, जिससे उनमें नाराजगी और अविश्वास की भावना बढ़ रही है।
रामप्रवेश पुत्र प्रेमनाथ पांडेय निवासी अचलीपुर व आशीष यादव पुत्र ओमप्रकाश निवासी हैदरपुर का कहना है कि यदि समय पर मामलों का निस्तारण नहीं हुआ, तो यह विवादों को जन्म देकर भविष्य में गंभीर सामाजिक टकराव का रूप ले सकता है। उन्होंने प्रशासन से ऐसे आयोजनों को सिर्फ औपचारिकता न बनाकर जनहित में प्रभावी समाधान मंच के रूप में विकसित करने की मांग की।
तहसीलदार शिव प्रकाश सरोज ने बताया कि मौके पर दो टीम बनाकर भेजी गई है जो मौके का निरीक्षण कर सोमवार तक रिपोर्ट प्रेषित कर देंगे। इसी क्रम में 15 अन्य टीमें गठित की गई है जो क्षेत्रवार राजस्व मामले के निपटारों में प्रयासरत हैं। कुछ लंबे समय से चले आ रहे राजस्व मामलों में मैं स्वयं जाकर प्रदेश सरकार के मंसा अनुरूप मामले का निस्तारण कर रहा हूं।
इस अवसर पर थानाध्यक्ष अमित कुमार मिश्र, उप निरीक्षकगण, पुलिसकर्मी, राजस्व निरीक्षक एवं लेखपाल उपस्थित रहे, परंतु प्रशासन की निष्क्रियता ने इस समाधान दिवस को केवल एक कागजी कार्यवाही तक सीमित कर दिया।
रिपोर्ट-आशीष निषाद