अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को सत्ता में आए हुए 6 वर्ष पूरा होने को है। सरकार का दावा है उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों और उसकी स्थितियों में काफी सुधार आ चुका है। लेकिन उससे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की मौजूदा स्थिति कैसी है? उम्मीदों से भी परे इन सरकारी स्कूलों में वह तस्वीर देखने को मिली, जो उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों को लेकर किए जाने वाले तमाम बड़े-बड़े दावों की पोल खोलती है।
प्राथमिक विद्यालय बौड़रा लक्षीरामपुर के प्रधानाध्यापक विजय चंद गुप्ता ने बताया कि विद्यालय में कुल 6 अध्यापक हैं अध्यापकों की कमी नहीं है। वहीं विद्यालय में 120 बच्चों का पंजीयन किया गया है लेकिन विद्यालय में 77 बच्चे मौजूद रहे। कायाकल्प योजना के तहत विद्यालय में कोई कार्य नहीं हुआ है। विद्यालय में बाउंड्री वॉल न होने के कारण अगल बगल के लोग विद्यालय में गंदगी करते हैं तथा विद्यालय की दीवारों पर गंदे स्लोगन लिखे जाते हैं। विद्यालय का हैंडपंप महीनों से खराब है तो वहीं समरसेबल भी खराब अवस्था में पड़ा है। विद्यालय में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है जिसकी वजह से बच्चों को परेशानी होती है।
प्राथमिक विद्यालय छितौनी के प्रधानाध्यापक हरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि विद्यालय में 5 अध्यापक कार्यरत हैं वहीं एक अध्यापक की कमी है। विद्यालय में कुल 114 बच्चों का पंजीयन किया गया है मौजूदा समय में 85 बच्चे ही विद्यालय आते हैं। विद्यालय में शौचालय तो बना है लेकिन बाउंड्री वाल पूरी तरह से टूट चुकी है जिसके कारण बच्चे इधर उधर खेलते हैं। खेल का मैदान तो है लेकिन आवश्यकता से बहुत छोटा है। विद्यालय गेट पर काफी जलजमाव होता है जिसके कारण स्कूल आने वाले बच्चों को परेशानी होती है।
प्राथमिक विद्यालय कंतालपुर के प्रधानाध्यापक त्रिभुवन प्रसाद ने बताया कि विद्यालय में कुल 4 अध्यापक हैं। एक अध्यापक की कमी है। कुल 84 बच्चों का पंजीयन है तो वहीं 60 बच्चे विद्यालय आते हैं। विद्यालय में शौचालय है सुंदरीकरण नहीं हुआ है। कायाकल्प योजना के तहत कार्य नहीं हुआ है। विद्यालय की बाउंड्री वॉल 15 वर्ष से नहीं है, खेल का मैदान है लेकिन बारिश की वजह से भारी जलजमाव होता है।
रिपोर्ट-आशीष निषाद