व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण

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अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौलिया में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस साल की थीम स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य पर आधारित था। मुख्य अतिथि के रूप में एसएमओ-डब्लूएचओ से डा. अरुणा, सभाजीत, राजा जयलाल सिंह, 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय से डा. हमीर सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एचईओ जितेंद्र कुमार, डा. अमरजीत यादव और एआरओ विशाल यादव उपस्थित रहे।
राजदेव चतुर्वेदी ने बताया कि हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों और सेहत से जुड़े अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। जितेंद्र कुमार ने कहा कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है और हमें दोनों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद बीसीजी का टीका लगवाना चाहिए ताकि वे टीबी रोग से बच सकें। डा. अमरजीत यादव ने बताया कि 7 अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना की गई थी, जिसका उद्देश्य गर्भावस्था, सुरक्षित प्रसव और प्रसव पश्चात देखभाल के समय उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं की आवश्यकता पर जोर देना है। डा. अरुणा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग महिला सशक्तिकरण को महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति के रूप में देखता है, जिससे वे समाज में सक्रिय भूमिका निभा सकें। कार्यक्रम में में ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम से जुड़ी 86 महिलाओं एवं 14 एएनएम व स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. अरुणा को भारतीय संविधान की उद्देशिका भेंट की गई।
रिपोर्ट-आशीष निषाद

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