श्रीराम कथा में उमड़ रहा जनसैलाब

शेयर करे

रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय क्षेत्र के साकीपुर स्थित राम जानकी मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीराम कथा में रविवार को कथावाचक विद्याधर दास ने कहा कि राम के विवाह चरित्र में ज्ञान और प्रेम की अभिलाषा है परंतु आज लोग इस आदर्श से दूर धन प्रेम की ओर बढ़ रहे हैं। विवाह दो आत्माओं का सुखद मिलन है आज लोग इससे बिमुख हैं।
उन्होंने राम विवाह के पुष्पवाटिका का चित्रण करते हुए कहा कि पुष्प वाटिका में पृथ्वी पर अवतरित श्रीराम और जनक नंदनी सीता ने एक दूसरे को देखा था। स्वयंवर भी प्रभु की एक लीला ही थी जिसमें भाग लेने आये राजाओं का अहंकार भी धनुष उठाने के प्रति दिखा था। श्रीराम के कोमल हाथों से धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते ही धनुष टूट गई। शिव धनुष टूटने की आवाज से क्रोधित होकर आये परशुराम का लक्ष्मण जी से संवाद भी समाज में अवधारणा दी। श्रीराम ने परशुराम को अपने अवतार से परिचय कराया ही साथ ही उनके बैष्णव बाण से उनके द्वारा अर्जित की गई सभी शक्तियों का नाश कर दिया। जिसकी इच्छा परशुराम ने ही श्रीराम से व्यक्त की थी। महराज ने कहा कि वर्तमान परिवेश में दो आत्माओं के मिलन के स्वरूप से हटकर लोग लोभ लिप्सा की ओर अग्रसर हैं। आज लोग बुद्धि की समानता से संबंध नहीं बना रहे बल्कि धन को देखकर बना रहे हैं जो कहीं से हितकर नहीं है। अंत में झाकी दर्शन में श्रद्वालु भाव बिभोर रहे। कार्यक्रम में राहुल तिवारी, अभय तिवारी, गनगन तिवारी, शुभम, प्रेम नारायण, शेषमणि, रितिक आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *