निजामाबाद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट के तत्वाधान में रविवार को आध्यात्मिक चेतना व सतगुरु शोभायात्रा निकाली गई जिसमंे भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
यह यात्रा निजामबाद के शाहगोला दीवान स्थित हिमांशी वाटिका से कस्बा होते हुए बाईपास रानी की सराय मोड़ पर स्थित कवि सम्राट हरिऔध सिंह उपाध्याय की मूर्ति स्थल तक पहुंची। वहां से बाइपास मार्ग से होते हुए नई सड़क से शिवाला घाट मार्ग पर जाकर समाप्त हो गई। इस यात्रा में संत जी के सैकड़ो अनुयाइयों ने भाग लिया। इस आध्यात्मिक चेतना यात्रा में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के बताए गए आठ उद्देश्यों नशा, दहेज, पाखंडवाद, भ्रष्टाचार तथा सभी धर्माे के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित सतभक्ति जैसे विषयों को लेकर लोगों को जागरूक किया गया। बताया गया कि मानव समाज में शराब, गुटका, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, जुआ, दहेज लेना और देना भ्रूण हत्या, जातिवाद तथा चरम पर पहुंचे पाखंडवाद जैसी बुराइयां एवं कुरीतियों से इंसान घुट घुट कर जी रहा है। यही कारण है कि धीरे-धीरे समाज नास्तिकता व कट्टरता की तरफ बढ़ रहा हैं। यह विकृति समाज के लिए ही नहीं बल्कि मानवता के लिए भी घातक है। इस अवसर पर हरिप्रसाद, राजूदास, हरेंद, दीनानाथ, लखेंद्र, धर्मेद्र, रामधनी के साथ-साथ सुशीला दासी, उर्मिला दासी, नीलम, उजाला आदि उपस्थित रहीं।
रिपोर्ट-वीरेन्द्र नाथ मिश्र