रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। क्षेत्र के कोठिया गांव में चल रही श्रीराम कथा में आचार्य पवन पांडेय ने कहा कि जीवन में मुश्किल घड़ी में भी बेहतर आने वाले कल को देखना चाहिए। विपत्ति से घबराते नहीं सामना करने से सफलता मिलती है।
देर शाम से देर रात तक श्रद्वालु कथा वर्णन में गोता लगाते रहे। कथा प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि समय के मुश्किल दौर को जहां हम और आप अपने जीवन, जीवन यापन, और आम सुविधाओं को लेकर चिंतित है, वहां इस स्थिति को श्रीराम के राज्य त्याग कर वन गमन की घटना से जोड़ कर देखिए। क्या उनके जीवन में सुख सुविधाएं नहीं थी? क्या उनका जीवन सुचारू और सुन्दर नहीं चल रहा था? अचानक आयी वचन की मर्यादा का पालन कर उन्होंने सुख पूर्वक अपने धर्म को अपनाया और वन गमन को गए। उन्होंने उसमंे भी सुख देखा कि इस बीच ऋषियों के सानिध्य से उन्हें ज्ञान मिलेगा।
क्या हमारा धर्म भी यह नहीं कहता कि इस संकट की घड़ी में देश पर आयी इस मुसीबत को परास्त करने के लिए हम अपने घर में ही थोड़े कम सुख सुविधाओं के साथ रह लंे। इस समय दोष प्रत्यादोष न करके, ज्ञान प्राप्त करें, अपने को पहले से बेहतर बनायें। वहाँ बुराई पर अच्छाई का युद्ध था, आज बिमारी के खिलाफ युद्ध है। बात वही है, आने वाले समाज को हम क्या सीख दे रहे है? भूपेंद्र महराज व रामबदन प्रेमी ने भी प्रसंग सुनाया।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा