अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरकारी एंबुलेंस सेवा का दुरुपयोग कर मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुंचाए जाने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। मंगलवार दोपहर को क्षेत्र के सिकंदरपुर स्थित एक निजी अस्पताल में एक सरकारी एंबुलेंस से मरीजों को उतारते देखा गया। इस दौरान कुछ जागरूक लोगों ने एंबुलेंस को रोकने का प्रयास किया, लेकिन चालक वाहन को तेज़ी से भगाकर वहां से निकल गया।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में रोज देखने को मिलती हैं। अगर कोई व्यक्ति इसका विरोध करता है तो प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक उससे मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार को एंबुलेंस से पांच-छह महिलाएं उतरीं और सीधे एक निजी अस्पताल में चली गईं। यह घटनाक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित निजी अस्पताल के बाहर देखा गया।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी एंबुलेंस संचालन में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। आरोप है कि कुछ एंबुलेंस चालकों की निजी अस्पतालों से कमीशन की सेटिंग होती है, मरीज एंबुलेंस सेवा पर कॉल करके एंबुलेंस बुलाता है तो एंबुलेंस चालक उनके घर पहुंच कर उन्हें सरकारी अस्पताल में न दिखाने की सलाह देकर अपने सेटिंग्स वाले प्राइवेट हॉस्पिटल ले कर चले जाते हैं जिससे उनकी मोटी कमाई हो जाती है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि झोलाछाप डॉक्टरों और अनाधिकृत संस्थानों में मरीजों, विशेषकर प्रसूताओं, की जान जोखिम में पड़ जाती है। पहले भी कई मामलों में लापरवाही के कारण गंभीर परिणाम सामने आ चुके हैं। स्थानीय नागरिकों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह प्रथा स्वास्थ्य सेवाओं की साख को गंभीर क्षति पहुंचा सकती है।
इस संबंध में ए सीएमओ डा. अलिंद्र कुमार ने कहा कि सरकारी एंबुलेंस द्वारा डिलीवरी का केस लेकर पीहू निजी हॉस्पिटल गया है जिसका वीडियो फोटो मुझे उपलब्ध हुआ है। पूरे घटनाक्रम से सीएमओ को अवगत करा दिया गया है।
रिपोर्ट-आशीष निषाद