धनुष टूटते ही जनकपुरी में पहुंचे परशुराम, मचा हाहाकार

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लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बिंद्रा बाजार की वर्षों पुरानी रामलीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व दर्जा प्राप्त खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री डॉ.कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा ने फीता काटकर किया। गणेश आरती के साथ मंचन शुरू हुआ। गणेश के रूप में 5 वर्षीय प्रखर उपाध्याय ने मंचन किया। दूसरे दिन धनुष टूटते ही जब परशुराम का आगमन हुआ तो टूटी धनुष देखकर परशुराम को क्रोध आ गया। उन्होंने जनक से पूछा की धनुष को किसने तोड़ा है? उसका नाम अत्यंत शीघ्र बतलाइए वरना जितनी भी तेरी पृथ्वी यह सब उलट पलट कर डालूंगा।
परशुराम जी के उग्र रूप को देखते हुए रामचंद्र जी ने कहा धनुष तोड़ने वाला कोई आपका ही सेवक होगा लेकिन वहीं लक्ष्मण के तंज भरी बातों को सुनकर परशुराम को बार-बार क्रोध आ रहा था। रामचंद्र ने लक्ष्मण को समझाते हुए शांत कराया और परशुराम को अपने जन्म का स्थान वर्णन सुनाया। तब परशुराम को विश्वास हो गया कि राम अवतार हो चुका है। भगवान के चरणों में नमन कर वहां से चले गए। राम के रूप में भोला गुप्ता, जनक के रूप में लाला सेठ, परशुराम के रूप में वरिष्ठ समाज सेवी अभिषेक उपाध्याय, लक्ष्मण के रूप में संतोष शर्मा, शैलेंद्र मोदनवाल, दयाराम मास्टर समेत दर्जनों कलाकार अनेक पात्रों में दिखाई दिए। रामलीला समिति के अध्यक्ष रूप नारायण उपाध्याय ने सभी लोगों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर शिव प्रकाश मुरहा मोदनवाल, अच्छेलाल सेठ, संतोष सेठ, महंता विश्वकर्मा, भैरव गुप्ता, संजय शर्मा, संजय चौरसिया, दिनेश प्रजापति, संतोष शर्मा, अंकुर सिंह, स्वामीनाथ मास्टर, श्रीप्रकाश जायसवाल, प्यारेलाल, देवेश उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद

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