आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। विकास खण्ड तरवां के ग्राम पंचायत जमीरपुर निवासी सुशीला पत्नी राजेन्द्र राजभर ने अपने बेटे के इलाज के लिए आ रही आर्थिक समस्या के लिए जिले के सामाजिक संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद की गुहार लगायी। जिसका मासूम-सा बच्चा ब्लड कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है और उससे भी बड़ा दुर्भाग्य कि अपने कलेजे के टुकड़े के बेहतर उपचार के लिए न तो मां-बाप के पास फूटी-कौड़ी है न ही आयुष्मान कार्ड।
जनपद के तरवां क्षेत्र के जमीरपुर गांव निवासी राजेन्द्र राजभर अपने परिवार के भरण पोषण के लिए कानपुर में पल्लेदारी का काम करते है और इनकी पत्नी सुशीला देवी घर पर रहकर ही बच्चों की देखभाल करती है। तीन माह पूर्व इनके 12 वर्षीय पुत्र पवन राजभर को बुखार होना शुरू हुआ और प्राइमरी दवाइयां दी गई लेकिन बुखार ठीक नहीं हुआ। इसके बाद परिजनों ने कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन सुधार नहीं हो सका। चिरैयाकोट स्थित एक सेवानिवृत्तक सरकारी चिकित्सक ने पवन के सिमटम देखकर उसे तत्काल किसी हायर सेंटर में उपचार कराने की सलाह दिया। पवन की मां ने अपने कलेज के टुकड़े को लेकर कानपुर पहुंची, जहां चिकित्सकों ने उसे ब्लड कैंसर रोग से पीड़ित बताया। कैंसर की जानकारी होते परिवार भयभीत हो गया और किसी तरह कानपुर के जे.के. कैंसर संस्थान कानपुर में तीन माह से अपने कलेजे के टुकड़े का किसी तरह उपचार हो रहा है लेकिन इस उपचार में आर्थिक अड़चनें दुखारी मां-बाप के आगे विकराल रूप धारण करती चली जा रही है। ब्लड कैंसर से पीड़ित पवन की तीन बहनें है जिसमे एक की शादी हो चुकी है, अन्य दोनों बहनें कली और आंचल अपने एकलौते भाई के लिए दिन-रात किसी चमत्कार की दुआ करते हुए नहीं थक रही है वहीं सामाजिक लोगों से मदद की आस लगाए हुए है।
जैसे ही इस बात की जानकारी पूर्व जिला पंचायत सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता रामकुंवर यादव को हुई तो उन्होंने कहा कि पवन की जिन्दगी बचाने के लिए वे भिक्षाटन करेंगे और उसके बेहतर उपचार हो इसके लिए सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री कोष से पैसों की मांग की जाएगी ताकि मासूम पवन के इलाज के लिए पैसों की कमी न हो सकें। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं व समक्ष लोगों से इलाज में मदद की गुहार लगाई है। इसके पूर्व भी रामकुंवर यादव ने गोलू के लिए भिक्षाटन करके लाखों रूपए जुटाया था लेकिन अब देखना है कि इस बार पवन की जिन्दगी के लिए कौन आगे आता है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार