72 घंटे के अंदर समाधान नहीं होने पर अभिभावकों द्वारा मुख्यमंत्री को सम्बोधित 5 सूत्रीय ज्ञापन शिक्षाधिकारी को सौंपेंगे
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। राइट-टू-एजुकेशन के तहत प्रवेश पाने वाले छात्रों से शुल्क वसूली की जा रही है। यह आरोप सोमवार को राजातालाब स्थित एक लॉन में आर्थिक अनुसंधान केंद्र के ओर से हिमाद्री ट्रस्ट, आसरा फ़ार चेंज ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित बैठक में अभिभावकों ने आराजीलाईन ब्लाक के चित्तापुर, दीपापुर, बीरभानपुर, कचहरियाँ गाँव स्थित दर्जनों नीजी पब्लिक स्कूलों के ऊपर लगाया। जबकि शासन की ओर से निजी स्कूलों को इन बच्चों से कोई शुल्क न लेने का निर्देश है। इसके बावजूद कई विद्यालय इन बच्चों के अभिभावकों से विभिन्न मदों में शुल्क वसूल रहे हैं। कुछ अभिभावकों ने कई बार इसकी शिकायत शिक्षाधिकारियो से भी की है। लेकिन आज तक कुछ नहीं होने से आक्रोशित अभिभावकों ने 72 घंटे के अंदर समाधान नहीं होने पर मुख्यमंत्री को सम्बोधित 5 सूत्रीय ज्ञापन शिक्षाधिकारी को सौंपेंगे।
अभिभावकों ने लगाया आरोप
ऐसे विद्यालयों के खिलाफ आरटीई एक्ट के तहत कार्रवाई करने की माँग भी की गयी। राजातालाब निवासी एक छात्र के अभिभावक किशन सोनकर से प्रोसेसिंग और परीक्षा शुल्क के अलावा रिएडमिशन शुल्क सहित 5000 रुपये ले लिए गए। दो अन्य अभिभावक अनिल पटेल व संजीव गुप्ता का आरोप था कि अपने बच्चे का एडमिशन के लिए उपरोक्त निजी स्कूल पहुंचे, जहां स्कूल प्रबंधकों द्वारा सिर्फ मंथली फीस ही माफ करने की बात कहते हुए 3000 रुपये एडमिशन फीस मांगी गई।बैठक में हिमाद्री ट्रस्ट के प्रमुख राजकुमार गुप्ता, शिक्षाधिकार अभियान के अजय पटेल, उत्तर प्रदेश अभिभावक संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता हरीओम दुबे, प्रधान संघ आराजीलाईन के अध्यक्ष मुकेश सिंह, पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल, अभिभावक गौरव कुमार प्रजापति, अनिल कुमार, डा. सुजीत कुमार यादव, रामसुंदर यादव, संतोष कुमार, सभेलाल, मनोज कुमार, मुकेश कुमार, राम बचन, आनंद, शिवआसरे आदि लोग उपस्थित थे।