संजरपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पवई लाडपुर सरायमीर में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में रविवार को प्रवचन करते हुए काशी से पधारे पंडित शैलेष कृष्ण पांडेय ने कहा कि आज का मानव जीवन नाना प्रकार के विभीषिकाआें से त्रस्त होता जा रहा है। संसार के भौतिक संसाधन मनुष्य को आंशिक सुख प्रदान कर सकते हैं पर आनंद की प्राप्ति भगवान के चरण शरण लेने से ही संभव है।
काशीवासी पंडित शैलेष कृष्ण पांडेय ने भगवान शिव के चरित्र पर मार्मिक व्याख्यान देते हुए कहा कि महादेव का चरित्र समाज में व्याप्त विकृतियों के शमन का संदेश देता है। शिव की पूजा में बैर का फल अर्पित किया जाता है यह फल अन्य किसी देवी देवताओं के लिए विहित नहीं है। बैर के फल के साथ समाज में व्याप्त वैमनस्यता और बैर को चढ़ा दिया जाय तो सही मायने में शिव की वास्तविक उपासना है। भगवान शिव ने जगत कल्याण के लिए त्रिलोक को दहन करने वाले विष का पान किया। इस प्रकार मन से प्रभु का भजन करते हुए आपसी सौहार्द्र को बढ़ाना ही शिव की पूजा है। इस अवसर पर यज्ञकर्ता बेदी गुप्ता, अनुपम पांडेय, पंकज सिंह, संदीप अस्थाना, अभिमन्यु सिंह, डॉ. रजत कुमार जायसवाल, रमेश जायसवाल, राजाराम यादव, शैलेष प्रजापति, अजय गुप्ता, गोपाल विश्वकर्मा, राकेश राय, अखिलेश जायसवाल, राघवेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-राहुल यादव