खेतों में कट गया धान, अब डीएपी के इंतजार में पिछड़ रहे किसान

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फूलपुर आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। हर साल का वही हाल, समितियों से लेकर निजी दुकानों तक डीएपी का टोटा और किसान बेहाल। फूलपुर तहसील क्षेत्र के फूलपुर ब्लाक अंतर्गत 12 साधन सहकारी समितियों के गोदाम हैं, पर किसी भी गोदाम पर रबी की बोआई के समय डीएपी नहीं है। रबी की बोआई सिर पर है। सिंचाई, जोताई कराकर किसान डीएपी खाद के इंतजार में सरकारों गोदाम का चक्कर लगा रहे हैं। उर्वरक के लाइसेंसी दुकानों पर भी डीएपी नहीं मिल रही है। इसके चलते किसान गोदामांे पर तैनात सचिवों के संपर्क में बराबर लगे हैं। सचिव भी आज-कल रैक लगने की बात किसानों को बताकर उम्मीद बंधाए हैं। किसान हर दिन गोदामों का चक्कर लगा रहे हैं। सुबह से चर्चा है कि खरसहन साधन सहकारी समिति के गोदाम पर दो सौ बोरी डीएपी आई थी, जिसे किसान ले गए हैं। किसानों के कानों तक खबर पहुंचते हो किसान साइकिल, पैदल, बाइक से गोदाम का चक्कर लगाते रहे। वहीं जहां सरकारी गोदाम पर डीएपी नहीं है, वहीं उर्वरक का लाइसेंस प्राप्त उर्वरक विक्रेता की दुकान से डीएपी गायब हैं। एनपीके मौजूद है पर 180 रुपये अतिरिक्त खर्च हो रहे हैं। ऊपर से किसानों को सौ प्रतिशत भरोसा नहीं है बाजार के खाद पर। साधन सहकारी समिति सदरपुर बरौली और कनेरी न्याय पंचायत के सचिव सुधीर सिंह ने बताया कि डिमांड भेज दी गई है। रैक न लगने से खाद नहीं आ पा रही है। एडीओ सहकारिता राजंेद्र वर्मा का कहना था कि जिलाधिकारो स्वयं खाद उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ तक संपर्क कर रहे हैं। खरसहन में खाद आने की बात मात्र अफवाह है। कारण कि जिले से अगर खरसहन को खाद मिलेगी, तो सदरपुर बरौली और कनेरी को भी मिलेगी। डीएपी ऊपर से नहीं आई है, आते ही किसानों में वितरण कराई जाएगी। किसान रामराज, मो. अनवर अंजर, मनीष पॉल, आमिर, राम नयन आदि किसानों ने उच्चाधिकारियो का ध्यान आकृष्ट करते हुएं अविलंब डीएपी की व्यवस्था करने की मांग की है।
रिपोर्ट- मुन्ना पाण्डेय

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