किसानों के माथे पर पसीना, सूख रही धान की फसल

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पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जनपद में विद्युत कटौती और बारिश न होने से धान की फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है। सिंचाई न होने से खेतों में दरारें पड़ गयी हैं। इसे देख किसानों के माथे पर पसीना और चेहरे पर मायूसी साफ नजर आ रही है। इंद्रदेव का कहीं दूर-दूर तक कुछ पता नहीं है। जनपदवासी इससे काफी परेशान हैं।
किसान अपनी पूरी पूंजी खेत में डाल चुका है लेकिन पानी के अभाव में धान की नर्सरी तथा खेत में लगाए गए धान के पौधे सूख रहे हैं। किसान किसी तरह से ट्यूबवेल के भरोसे पानी देकर धान की रोपाई तो कर दिया लेकिन अब उसको कैसे जिलाया जाए। ट्यूबवेल की स्थिति यह है कि उसके पानी का प्रेशर आधा हो गया है। और पानी का रेट 60 से 70 प्रति घंटे हैं। बहुत सारे ट्यूबवेल तो ऐसे हैं जो पानी छोड़ दिए हैं। हैंडपंप भी पानी छोड़ दिए हैं। पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। कहीं-कहीं तो लोग टैंकर से पानी मंगाने को विवश हैं। इस साल तो बारिश की बहुत ही खराब स्थिति है खेतों में धूल उड़ रही है। सावन के महीने में भी धूल उड़ रही है। धान के खेतों में दरारें पड़ गई है जिसको देखकर किसानों के कलेजे फटे जा रहे हैं लेकिन इंद्रदेव के ऊपर किसी का बस नहीं है। इस साल तो मानसून को लेकर बताए गए सारे आंकड़े मौसम विभाग के फेल नजर आ रहे हैं।
रिपोर्ट-बबलू राय

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