आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पेंशनर्स यूनियन एवं शिक्षक संगठनों के संयुक्त बैनर तले फाइनेंशियल बिल 2025 में पेंशन संबंधी बदलावों और आठवें वेतन आयोग के गठन में देरी को लेकर मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अम्बेडकर पार्क में विरोध प्रदर्शन किया गया।
संगठन अध्यक्ष गिरीश चतुर्वेदी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष अम्बेडकर पार्क में धरना देते हुए जिला प्रशासन को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें फाइनेंशियल बिल 2025 को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की गई।
ज्ञापन में इस बिल की वैधानिकता पर भी सवाल उठाए गए। धरने में शामिल कर्मचारियों और पेंशनर्स ने कहा कि सरकार ने 16 जनवरी 2025 को आठवें वेतन आयोग की घोषणा तो की थी, लेकिन अब तक उसका गठन नहीं किया गया, जिससे भारी निराशा फैल चुकी है। उनका कहना है कि फाइनेंशियल बिल 2025 में किए गए संशोधनों से 31 दिसंबर 2025 तक सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को वेतन पुनरीक्षण का लाभ नहीं मिलेगा, जिससे पेंशन में भारी असमानता उत्पन्न होगी। प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग किया कि नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू किया जाए। इसके अतिरिक्त, कोरोना काल में रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते का एरियर भी जल्द जारी किया जाए। शिक्षक संगठनों ने प्राथमिक विद्यालयों के समायोजन और बंदी का भी विरोध किया।
उन्होंने अपील किया कि गरीब बच्चों की शिक्षा से जुड़े प्राथमिक विद्यालयों को बंद न किया जाए और उन्हें किसी अन्य विद्यालय में मर्ज न किया जाए। चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो आंदोलन को और अधिक उग्र बनाया जाएगा।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार