अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय थाना क्षेत्र के कड़सरा गांव और बिलारी मुहल्ला गोपालीपट्टी के ग्रामीणों में पट्टे की जमीन को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने जमीन पर अवैध कब्जे और गलत सीमांकन का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
शिकायतकर्ताओं में अनिल पुत्र बलिहारी, सुशीला देवी पत्नी ध्रुवनाथ पाठक सहित अन्य लोगों ने लिखित प्रार्थना पत्र के माध्यम से बताया कि गाटा संख्या 275/4 क, रकबा 1.7240 हेक्टेयर, जो कि ताल के खाते में दर्ज है, उसका अब तक भौतिक सीमांकन नहीं हुआ है। उनका आरोप है कि हल्का लेखपाल द्वारा इस भूमि का अवैधानिक तरीके से सीमांकन कर प्रार्थियों की निजी आराजी में शामिल कर दिया गया है, जिससे उन्हें अपूरणीय क्षति हो रही है।
प्रार्थीगण विभिन्न गाटों के वैध काश्तकार हैं। इसके बावजूद मत्स्य पालन पट्टेदार रणजीत कुमार निषाद पुत्र राम भवन द्वारा तालाब की खुदाई कर गड्ढा बनाने की कोशिश की जा रही है। गंभीर आरोप यह भी लगाया गया है कि उक्त पट्टा 35 वर्ष पूर्व बिना किसी सार्वजनिक सूचना (विज्ञप्ति) के किया गया था, जिसकी जानकारी गांव वासियों को नहीं थी। इससे संबंधित तालाब के सीमांकन में भारी अनियमितता बताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब के आसपास के दो गांव डूबने की कगार पर पहुंच चुके हैं, लेकिन शिकायतों के बावजूद अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
शिकायतकर्ता जैनेंद्र कुमार के अनुसार मौके पर लगभग 7.30 बीघा में तालाब फैला है, जिसमें 3 बीघा भूमि का बिना पारदर्शिता के पट्टा किया गया है। आसपास के काश्तकारों द्वारा अवैध रूप से खुदाई की जा रही है। ग्रामीणों की मांग है कि विवादित गाटा संख्या 275/4क का सीमांकन राजस्व टीम गठित कर किसी सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में कराया जाए और जब तक सीमांकन पूरा न हो, तब तक खुदाई की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। इस मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और निष्पक्ष जांच व कार्यवाही की मांग की।
रिपोर्ट-आशीष निषाद