वाराणसी में बिजली-पानी को लेकर हाहाकार, DM ने कही ये बात

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बिजली कर्मियों की हड़ताल ने पूरी काशी को ऊर्जाहीन कर दिया

वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। में बिजली और पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। बिजली कर्मियों की हड़ताल ने पूरी काशी को ऊर्जाहीन कर दिया है। गांव हो या शहर में जगह-जगह पानी और मोबाइल चार्ज करने के लिए लोग जूझ रहे हैं। यहां तक शहरों के सुलभ शौचालय की टंकी में एक बूंद पानी नहीं बचा है। इस वजह से सामुदायिक शौचालयों तक में तालाबंदी कर दी गई है। मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज हो चुकी है। दूसरी ओर, कॉलोनियों के घरों में पानी सप्लाई न हो पाने से लोगों को नगर-निगम के टैंकर का इंतजार करना पड़ रहा है। या फिर स्कूलों या बड़े संस्थानों के जनरेटर पर निर्भर हैं। वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि फॉल्ट्स को ठीककर पॉवर सप्लाई को सुचारु करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन इस पर काम कर रहा है। इसके बावजूद स्थानीय लोगों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ रही है।

जनता ने जताया आक्रोश

जानकारी के अनुसार, वाराणसी रेलवे जंक्शन, पांडेयपुर और लहरतारा समेत कई जगहों पर तो स्थानीय लोगों ने ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पुलिस भी अब लाचार नजर आ रही है। बिजली कर्मियों की गिरफ्तारी भी नहीं हो रही है। कैंट स्टेशन के सामने 40 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित है। इससे नाराज लोगों ने धरना शुरू कर दिया है। इस बीच कैंट थाने की पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, मगर स्थानीयों ने बिजली विभाग के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। कैंट रेलवे स्टेशन के ठीक सामने समूह बनाकर लोग धरने पर बैठे हैं। गाड़ियां जस की तस रोक दी गईं हैं। खाली बाल्टी लेकर नचाया जा रहा है और पानी दो-पानी दो के नारे लगाए जा रहे हैं। बिजली न होने की वजह से बनारस के छोटे व्यवसायियों और इंडस्ट्रीज पर भी असर पड़ने लगा है। बुनकरी करने वालों की हथकरघा मशीने बंद हो गईं हैं। वहीं, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) के सदस्यों के मुताबिक, रामनगर औद्योगिक क्षेत्र की कई यूनिट्स बंद हैं। कुछ में उत्पादन काफी कम है। चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी फॉल्ट, ट्रिपिंग की दिक्कत हो रही है।

दोगुना हुआ पानी का दाम

कॉलोनी के लोग घर के बाहर टैंकर के पीछे घंटों पानी भरने के लिए खड़े हैं। डिब्बा, बाल्टी, जार और बर्तन लेकर लोग पानी मांग रहे हैं। वहीं बाजार में इसका फायदा उठाते हुए कुछ लोग 20-30 रुपए वाला जार 50-60 रुपए का बिक रहा है। बिजली कर्मियों की हड़ताल की वजह से जो समस्या खड़ी हुईं हैं, उसके लिए कोविड कमांड सेंटर को एक्टिव कर दिया गया है। वाराणसी जिला प्रशासन की ओर से काशी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में फोन कॉल को सूचीबद्ध करके समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है।

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