आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। खराब हाइड्रोलिक मशीन बेचने तथा अच्छी सेवा देने में कमी होने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने विक्रेता फर्म को आदेश दिया है कि वह तय समय के भीतर पीड़ित को 2 लाख 36 हजार रुपये अदा करे। इस मामले में पीड़ित अश्वनी कुमार श्रीवास्तव निवासी जमीन सिधारी (खैरातपुर) ने शिकायत दर्ज कराई थी। बताया था कि प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत 2,00001 रुपये में एक हाइड्रोलिक मशीन डबल सिलेंडर नई दिल्ली के एएस बी इंजीनियरिंग नामक फर्म से खरीदी थी। खरीदने के समय फर्म ने कहा था कि वह इसके सभी आवश्यक एसेसरीज साथ में देगी। फर्म का मैकेनिक मशीन को इंस्टाल करने जाएगा, लेकिन फर्म ने अपना वादा पूरा नहीं किया और ना ही आवश्यक एसेसरीज पीड़ित के घर भेजा। बल्कि इंस्टाल करने के समय फर्म के मैकेनिक ने पांच हजार रुपये भी श्रम के नाम पर पीड़ित से ले लिया। उसके बावजूद हाइड्रोलिक मशीन ठीक से काम नहीं किया। कई बार शिकायत के बावजूद फर्म ने पीड़ित की शिकायत को दूर नहीं किया। तब पीड़ित ने 19 जुलाई 2022 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में मुकदमा दाखिल किया। आयोग ने विपक्षी फर्म एएसबी इंजीनियरिंग को अपना पक्ष रखने के लिए कई बार नोटिस जारी किया, लेकिन फर्म की तरफ से कोई भी आयोग में अपना पक्ष रखने नहीं आया। तब आयोग ने 8 दिसंबर 2022 को विपक्षी के विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही अग्रसारित कर दी। इस मामले में सारे तथ्यों परिस्थितियों के अवलोकन के बाद जिला उपभोक्ता विबाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश कुमार तथा सदस्य गगन गुप्ता एवं प्रतिष्ठा वर्मा ने याचिका स्वीकार करते हुए 30 अप्रैल को विपक्षी एएसबी इंजीनियरिंग नई दिल्ली को आदेश दिया कि वह मुकदमा दाखिल होने के दिन से हाइड्रोलिक मशीन की कीमत दो लाख एक रुपये नौ प्रतशित ब्याज की दर से अदा करे। साथ ही मानसिक और शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए 25 हजार तथा मुकदमा खर्च के लिए 10 हजार रुपये परिवादी को अदा करें।
रिपोर्ट-सुबास लाल