कभी आंखों में बसती थीं रानी, वहां दिल में उतर गईं माता रानी

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रानी की सराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कस्बे के दशहरा मेले में वैसे तो हर साल भीड़ उमड़ती है, लेकिन यहां का इतिहास काफी पुराना है। मेंहनगर के राजा हरबंश सिंह की पत्नी रानी रत्न ज्योति ने पति से नाराज होकर कस्बे में सराय बनाया। तब सबकी आंखों में रत्न ज्योति बसती थीं, लेकिन उसके बाद से माता रानी सबके दिलों में उतरने लगीं। हर साल की तरह से इस साल भी वही तस्वीर नजर आई और भीड़ ऐसी कि प्रशासन को रूट डायवर्ट करना पड़ा। कस्बे का ऐतिहासिक मेला सोमवार को धूमधाम से संपन्न हो गया। लोगों ने अपनी जरूरत के हिसाब से जहां खरीदारी की, वहीं शाम से भोर तक मेले की धूम रही। पूजा पंडालों में लोगांे ने मां की प्रतिमा का दर्शन- पूजन किया। पूरा कस्बा भक्ति रस से सराबोर रहा। पूजा पंडालों पर श्रद्धालुओं के साथ पुलिस भी सेल्फी लेती रही। पूर्वांचल में विशिष्ट स्थान रखने वाले मेले की धूम दोपहर से लेकर भोर तक दिखी। इस बार पूजा पंडालों में देश के विशिष्ट मंदिरों की झलक दिख दिखी। मुख्य मार्ग पर ही मेला लगने और आकर्षक सजावट से पूरा कस्बा विद्युत झालरांे से शाम होते ही रोशन हो गया। पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा निर्मित प्रतिमा में भी हुनर प्रस्तुति भी खूब रही। दूर दराज से आने वाले दुकानदारों ने एक दिन पहले ही जगह सुरक्षित कर ली थी। बावजूद इसके जगह को लेकर आपस मंे झगड़ते दिखे। मेले में बच्चों ने जहां झूले, चरखी का आनंद लिया वहीं बिहार की चोटहिया जलेबी की भी मांग रही। महिलाओं ने साैंदर्य प्रशाधन की खरीदारी की। दोपहर बाद भीड़ बढ़ी तो रात होते-होते आस्था उमड़ पड़ी।
मेले के दृष्टिगत रूट भी डायवर्ट रहा। आजमगढ से आने वाले वाहन सेमरहा के पास नेशनल हाईवे से होकर गुजरते रहे, वहीं शाहगंज और वाराणसी से आने वाले वाहन कोटिला के पास से नेशनल हाईवे के सहारे ही जिला मुख्यालय की ओर निकलते रहे। दोपहर तक छोटे वाहनों की भी रोक मुख्य मार्ग पर लगी, लेकिन निजामाबाद मार्ग पर वाहनों की रोक की मांग के बावजूद वाहनों का संचालन बंद नहीं हुआ। इससे दिक्कतें होती रहीं। वाहनो के प्रवेश को लेकर तू-तू मैं-मैं भी खूब होती रही। मेले में मजनू भी हरकतों से बाज नहीं आए। कई स्थानों पर महिलाओं ने खुद ही मजनुओं की खबर ली। कस्बे के तीन स्थानो पर शाम होते ही नशेड़ी हाथापाई करने लगे, जिन्हें लोगो ने किसी तरह गंतव्य को भेजा।

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आरपीएफ भी रेलवे क्रासिंग पर तैनात रही

रानीकीसराय (आजमगढ़)। सुरक्षा के दृष्टिकोण से मेला क्षेत्र के आस पास के गांव जहां से लोगों का मेले मंे आवागमन था वहां रेलवे ट्रैक के आसपास आरपीएफ तैनात रही। कस्बे में वैसे तो पुलिस बल की तैनाती रही, लेकिन जिन पंडालांे के पास भीड़ अधिक रही वहां तो नजर आए लेकिन कम भीड़ वाली जगहों पर एक बार भी नजर नहीं आई।

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रावण दहन के पहले आपस में मिले चारों भाई

रानीकीसराय (आजमगढ़)। कस्बे में परंपरागत राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान समेत चारों भाइयों की रथ यात्रा निकली। कस्बे में भ्रमण कर रुदरी मोढ़ पहुंची, जहां रावण का पुतला दहन होते ही जय श्रीराम का नारा गूंज उठा। मेला सम्पन्न होने के साथ पूजा कमेटियां विसर्जन में जुट गई। इससे पहले चारों भाइयों का मिलन हुआ, तो उनके जयकारे से क्षेत्र गूंज उठा।
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गेट गिरने से दो इलेक्ट्रीशियन घायल

रानीकीसराय (आजमगढ़)। कस्बे के पश्चिमी भाग में मुख्य मार्ग पर बना गेट अचानक गिरने से काम कर रहे दो इलेक्ट्रीशियन मामूली रूप से घायल हो गए। संयोग ही था कि मेले की भीड़ में अन्य कोई चपेट मंे नहीं आया। इस बार कई पूजा कमेटियों ने मुख्य मार्ग पर गेट बनाकर उस पर सजावट कर दी। आजाद दल कमेटी मंे बने गेट का एक हिस्सा सायंकाल साढे़ पांच बजे गिर गया। इस दौरान ऊपर लाइट लगा रहे दो युवक मामूली रुप से जख्मी हुए। तुरंत ही गेट को सही कर दिया गया।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा

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