अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर जनपद के अतरौलिया स्थित निरीक्षण भवन में जनसंपर्क के दौरान पत्र प्रतिनिधि से भी वार्ता किये और विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि वफ्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बावजूद विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो वफ्फ बोर्ड की संपत्ति है उसमें वफ्फ बोर्ड के ही मेंबर हैं और यह मजबूत लोग हैं, यह गरीब मुसलमानों का हक़ लूटते हैं। अब तक वफ्फ बोर्ड का अध्यक्ष मुसलमान ही होता आया है, एक भी गरीब और एक भी महिला मुसलमान का नाम नहीं है जिसने वफ्फ बोर्ड की संपत्ति बिकने के बाद उसको घर या रोजगार के लिए पैसा दिया हो।
श्री राजभर ने कहा कि वफ्फ की पुरानी नियमावली में वफ्फ बोर्ड का सदस्य यदि जाकर कह दे कि यह मेरी प्रॉपर्टी है तो वह जाता है क्रिमिनल कोर्ट में वहां वह दाखिल करता है और क्रिमिनल कोर्ट ने यह फैसला दे दिया कि नहीं यह संपत्ति वफ्फ बोर्ड की है तो फिर कहीं अपील करने का अधिकार खत्म हो जाता था। नए बिल में यह है कि किसी के निजी संपत्ति को क्रिमिनल कोर्ट में ले जाते हैं और फैसला इसके खिलाफ होता है तो उसको रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में लड़ने का अधिकार है। नए बिल में दो महिलाएं होंगी दो गैर मुस्लिम धर्म के लोग होंगे। यही बदलाव है जिसे विपक्ष बुरा बतला रहा है।
वफ्फ बोर्ड में ना अखिलेश की जमीन है ना राहुल ना सोनिया ना मायावती किसी भी नेता की जमीन नहीं है। सपा सरकार ने वफ्फ बोर्ड की करोड़ों की जमीनों को लाखों में बेचा और पैसा लिया है, ऐसे मामले अब प्रकाश में आ रहे हैं। सपा बसपा कांग्रेस की सरकारों ने मुसलमान को नफरत का पाठ पढ़ा रहे हैं। इन्हीं सब को लेकर वफ्फ बिल में संशोधन हो रहा है, जिससे गरीब मुसलमान को उनका अधिकार मिल सके।
रिपोर्ट-आशीष निषाद