माहुल आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय नगर में मंगलवार की देर शाम गाजे बाजे के साथ बुढ़वा की दो बारातें निकाली गई। पर बुढ़वा की आस अंधूरी रह गई। एक बार फिर दुल्हन की आस लगाए बुढ़वा बारात लेकर देर शाम तक घूमता रहा मगर दुल्हन उसे नसीब नही हुई।
परंपरागत तरीके से विगत वर्षाे की तरह इस वर्ष भी माहुल बाजार के शुक्र बाजार दुर्गा मंदिर से और सोमवारी बाजार के बैजनाथ पोखरे से बुढ़वा की दो बारातें निकाली गई। दोनो बारातें विपरीत दिशा में पूरे नगर में घूमती रही। बारात में रथ के आगे चल रहा खूनी लोगो के आकर्षण का केंद्र बना रहा। रंगीन झालरों से सजे रथ पर बैठा बुढ़वा दुल्हन की तलाश में देर शाम तक घूमता रहा पर इस बार भी उसे दुल्हन नहीं मिली। बारात में भारी संख्या में भीड़ को देखते हुए और मिश्रित आबादी क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा का व्यापक प्रबंध रहा। क्षेत्राधिकारी बूढ़नपुर किरन पाल सिंह, थानाध्यक्ष अहरौला सुनील कुमार दुबे, चौकी प्रभारी माहुल शिवसागर यादव, उपनिरीक्षक श्याम कुमार दुबे के साथ ही साथ तहबरपुर, कप्तानगंज, अतरौलिया आदि थानों की पुलिस फोर्स मौजूद रही।
रिपोर्ट-श्यामसिंह