उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में था आतंक
सोनभद्र (सृष्टि मीडिया)। जिले में डेढ़ दशक पूर्व हुई हत्या के दो मामलों में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट एहसानुल्लाह की अदालत ने शुक्रवार को दो हार्डकोर नक्सलियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उन पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर तीन-तीन वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। हार्डकोर नक्सलियों की पेशी के दौरान कचहरी परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक-सी शशांक शेखर कात्यायन ने बहस की। सुनवाई के लिए वज्र वाहन से मुन्ना को नैनी और लालव्रत को जौनपुर जेल से लाया गया था। वर्ष 2012 में तत्कालीन एसपी सुभाष चंद्र दुबे के नेतृत्व में पुलिस टीम ने चोपन थाना क्षेत्र के कनछ गांव के पास से मुठभेड़ में दोनों को गिरफ्तार किया था। तभी से यह जेल में हैं।
कचहरी परिसर में रही कड़ी सुरक्षा
जानकारी के अनुसार मुन्ना विश्वकर्मा के ऊपर ढाई लाख रुपये का इनाम था। इसका पांच प्रांतों यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड व छत्तीसगढ़ में आतंक था। इनकी गिरफ्तारी के बाद से ही सोनभद्र में लगभग नक्सलियों का सफाया हो गया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक मांची थाना क्षेत्र के चिचलिक गांव निवासी मैनेजर वादी ने 11 जुलाई 2006 को भाई की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उसने तहरीर में बताया था कि उसका भाई जयराम वादी चौरा से खोडैला के रास्ते पर मेठ का काम करता था। नौ जुलाई को घर से काम पर गया था। चौरा गांव के गहबड़िया जंगल में शाम को उसकी गला काटकर हत्या कर दी गई। इस तहरीर पर केस दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की। घटना में हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा निवासी कम्हारडीह थाना राबर्टसगंज और लालव्रत कोल का नाम प्रकाश में आया। इस मामले में अदालत ने दोनों नक्सलियों को उम्रकैद व 54-54 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर 3-3 वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
चुनाव की रंजिश में काट दिया था गला
वहीं दूसरा मामला कोन थाना क्षेत्र का है। 26 फरवरी 2007 को कोन थाने में दी तहरीर में लीलावती पत्नी उदय प्रताप कनौजिया ने अवगत कराया था कि प्रधानी चुनाव की रंजिश को लेकर 25 फरवरी की रात हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा ने अपने साथियों के साथ उसके घर पहुंचकर पति को पकड़कर कुछ दूर ले गया और टंगारी से गला काटकर हत्या कर दी। उसके घर में भी आग लगा दी। इस मामले में अदालत ने सुनवाई करते हुए दोषी मुन्ना विश्वकर्मा को उम्रकैद व एक लाख 29 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख रुपये मृतक उदय प्रताप कनौजिया की पत्नी लीलावती को दी जाएगी।