अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सड़क सुरक्षा और जन सुरक्षा के लिए शासन द्वारा एक से 30 सितंबर तक चलाए जा रहे “नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान की हवा स्थानीय क्षेत्र में निकलती नजर आ रही है। मंगलवार को क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के ही पेट्रोल-डीजल दिया जा रहा था।
छितौनी स्थित इंडियन ऑयल और सिकंदरपुर स्थित भारत पेट्रोलियम देवरापत्ती पर खुलेआम नियमों की अनदेखी की जा रही है। इन पंपों पर न तो हेलमेट की अनिवार्यता लागू की जा रही है और न ही जागरूकता संबंधी बोर्ड लगाए गए हैं। जब इस बारे में कर्मचारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें अब तक कोई निर्देश ही प्राप्त नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि जिलाधिकारी के नेतृत्व और जिला सड़क सुरक्षा समिति के समन्वय से यह विशेष अभियान पूरे जनपद में चलाया जा रहा है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129 के तहत दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाले दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है, इसके उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति ने भी हेलमेट अनुपालन को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को दंडित करना नहीं बल्कि सुरक्षित व्यवहार के लिए प्रेरित करना है। “हेलमेट पहले, ईंधन बाद में” को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है, लेकिन स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री तक के आदेशों की भी अनदेखी की जा रही है।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हेलमेट पहनना जीवन का सबसे सरल बीमा है। शासन-प्रशासन के साथ ही पेट्रोल पंप संचालकों और नागरिकों को इस नियम का पालन करते हुए सहयोग करना होगा, तभी सड़क हादसों पर रोकथाम संभव हो पाएगी।
रिपोर्ट-आशीष निषाद