महराजगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शुक्रवार को क्षेत्रीय सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ नगर पंचायत महराजगंज के दौरे पर थे। सांसद के क्षेत्र में आने की सूचना पर क्षेत्र के तमाम फरियादी अपनी समस्याओं के निदान की आस लिए सांसद से मिलना चाह रहे थे। किंतु उनका यह क्षेत्रीय दौरा सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं व शोसल मीडिया पर सांसद के साथ फोटो अपलोड करने वालों तक ही सिमट कर रह गया। क्षेत्रीय विकास की आस लगाए लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। कुछ एक फरियादी जो किसी तरह मिलने में कामयाब हुए तो उन्हें सिर्फ आश्वासन लेकर लौट जाना पड़ा।
पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सांसद का भारी-भरकम काफिला उप जिलाधिकारी सगड़ी सहित तमाम जिम्मेदार अधिकारियों व थाना प्रभारी के साथ पुलिस फोर्स की मौजूदगी में भैरव धाम पर पहुंचा तो काफी संख्या में फरियादी भी अपनी समस्याओं को लेकर काफिले के पीछे दौड़ते हुए पहुंचे। किन्तु सांसद दर्शन-पूजन के बाद कार्यकर्ताओं के साथ सेल्फी तक ही सिमट कर रह गये। धाम परिसर में स्थित सामुदायिक केंद्र पहुंचे जहां स्थानीय लोगों की मांग को देखते हुए प्रभारी चिकित्साधिकारी के साथ 10 मिनट की औपचारिक वार्ता के बाद स्वास्थ्य केंद्र के आधुनिकीकरण का आश्वासन देते हुए निकल लिए।
धाम से नगर पंचायत के गांधी नगर वार्ड स्थित शिव मंदिर पर पहुंचे जहां स्थानीय नेताओं व रसूखदार लोगों के साथ पूजा अर्चना किया। इस दौरान उनके व्यस्त कार्यक्रम और कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए मुलाकात की आस में निराश काफी संख्या में फरियादी अपने घर को वापस लौट लिए। कुछ लोग जो धैर्य पूर्वक डटे रहे उन्हें सांसद से मिलने का मौका तो जरूर मिला किंतु सिर्फ आश्वासन ही लेकर वापस लौटना पड़ा। फरियादियों की इसी फेहरिस्त में चांदपुर निवासी जनजातीय महिला रंजना भी रही जिसे सांसद से अपनी पीड़ा व्यक्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उसने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि प्रधान द्वारा सरकारी जमीन पर निर्मित कराये गये आवास में रहती है। विगत वर्ष कोरोना काल मंे राशन देने वाले रामनरेश द्वारा उसके घर में ताला लगा दिया गया तथा मारने पीटने की धमकी भी दी गयी। जिसकी शिकायत उसके स्वजनों द्वारा थाने से लगायत मुख्यमंत्री तक से की गयी किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। फरियाद सुन कर सांसद द्वारा एक-दो दिन में समस्या समाधान का आश्वासन तो दिया गया किंतु मात्र पांच मिनट की दूरी पर स्थित मौके पर न तो खुद ही जाना गवारा समझा और न ही साथ में मौजूद जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया। हालांकि न्याय की उम्मीद में पीड़िता और उसका परिवार प्रतीक्षारत है।
रिपोर्ट-राजनरायन मिश्र